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कोरोना के कहर के बीच बाढ़ ने बिहार के लोगों पर डबल अटैक किया है. राज्य के 11 जिले प्रभावित हैं और करीब 15 लाख लोगों की सांस अटकी हुई है. सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है दरभंगा. अकेले दरभंगा में 5.3 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. राज्य में बाढ़ से 10 लोगं की मौत हो चुकी है.
जिले में ऐसे लाखों लोग हैं जिनके मकान या तो बाढ़ में बह गए हैं या फिर ये लोग अपने घरों में ही फंस गए हैं. जो बेघर हो गए हैं वो सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. जिले में 131 पंचायत और 12 प्रखंड बाढ़ की मार झेल रहे हैं.
गोपालगंज में सारण तटबंध फिर टूट गया है. इससे सीवान और सारण में पानी घुस आया है. इसके कारम करीब एक लाख लोग पानी से घिर गए हैं. तेज बारिश ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
बाढ़ से जल्द राहत मिलती नहीं दिख रही क्योंकि राज्य में बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बालन, घाघरा और महानंदा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. हालांकि गंगा अभी खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. दूसरा बड़ा प्रभावित जिला है मुजफ्फरपुर. यहां के भी करीब दो लाख लोग बाढ़ का सामना कर रहे हैं. पूर्वी चंपारण में भी पौने तीन लोग बाढ़ प्रभावित हैं. दूसरे बाढ़ग्रस्त जिले हैं सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, खगड़िया और सारन. पूरे राज्य में 625 पंचायत और 86 प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं.
NDRF और SDRF की टीमों ने अब तक करीब सवा लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है. करीब 14 हजार लोगों को राहत कैंपों में रखा गया है. पूर्वी चंपारण में एक महिला ने NDRF की नाव में बच्चे को जन्म दिया. बाढ़ के कारण राज्य में ट्रेनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है. मुजफ्फपुर, समस्तीपुर दरभंगा की कई ट्रेनें या तो रद्द कर दी गई हैं या फिर डायवर्ट की गई हैं.
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