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बिहार के मुंगेर (Bihar Munger) में साइबर अपराधियों का नया कारनामा सामने आया है, यहां मतदान के दौरान बायोमीट्रिक का इस्तेमाल कर कई मतदाताओं के हजारों रुपये निकाल लिए गए. कई लोगों के साथ ऐसी ही ठगी होने के बाद उन्होंने मध्य विद्यालय चड़ौन में जमकर किया हंगामा. इस फर्जीवाड़े की सूचना पर एसडीओ और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. जिन्होंने बायोमीट्रिक संचालक को हिरासत में लिया.
फर्जी वोटिंग रोकने के लिए बिहार निर्वाचन आयोग ने मतदाता पहचान के लिए मतदान केंद्रों को बायोमीट्रिक सिस्टम से लैस किया था. लेकिन बायोमीट्रिक सिस्टम को संचालित कर रहे साइबर ठग ने मतदाता पहचान के नाम पर मतदाताओं के खाते से एक लाख रुपये से अधिक की ठगी कर ली. जब पैसों की निकासी का मैसेज मतदाताओं के मोबाइल पर आना शुरू हुआ तो मतदाताओं ने मतदान केंद्र पर हंगामा शुरू कर दिया. जिसके बाद एसडीओ सदर खुशबु गुप्ता पुलिस बल के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचीं और बायोमीट्रिक सिस्टम संचालक को हिरातस में ले लिया.
बताया गया है कि मध्य विद्यालय चड़ौन स्थित बूथ संख्या 145 उत्तरी भाग में संजीत कुमार को बायोमीट्रिक सिस्टम संचालित करने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था. उसे एक कॉमन सर्विंस सेंटर द्वारा प्रशासन को मुहैया कराया था. मतदान के दौरान सुबह 8:30 बजे एक मतदाता मतदान केंद्र पर पहुंचे और वहां तैनात मतदानकर्मी और पुलिसकर्मियों को बताया कि अभी वो वोट देकर गई और उसके मोबाइल पर मैसेज आया कि उसके खाते से रुपये निकाले गए हैं. लेकिन मतदान केंद्र से उसे डपटकर ये कहते हुए भगा दिया गया कि ये सरकार का ऐप है, ऐसा नहीं हो सकता. जिसके बाद मामला शांत हो गया.
चड़ौन गांव निवासी निभा कुमारी के खाते से संजीत ने 5000 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिए. जबकि इसी तरह सोनी कुमारी के खाते से 10 हजार, मधु देवी के खाते से 10 हजार, जय जयराम चौधरी के खाते से 10 हजार, विभा देवी के खाते से 10 हजार, अमृता प्रीतम के खाते से 10 हजार, उषा कुमारी के खाते से 4 हजार सहित अन्य के खातों से रुपयों को आधार कार्ड को माध्यम बना कर संजीत ने अपने और अपने पहचान के लोगों के खाते पर ट्रांसफर कर लिया. सभी दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के खाताधारी हैं. ये वैसे लोग हैं जिनके मोबाइल पर रुपया निकासी का मैसेज आया.
हिरासत में लिए गए बायोमीट्रिक संचालक संजीत ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. उसने बताया कि वो भोले-भाले मतदाता को ही अपना टारगेट बनाता था. निर्वाचन आयोग ने जो टैब दिया था. उसके अतिरिक्त वो अपना थम मशीन लेकर गया था. एक बार वो मतदाता का अंगूठा निर्वाचन आयोग के मशीन पर लेता था. लेकिन दूसरी बार वो अपने थम मशीन पर ये कहते हुए मतदाताओं का अंगूठा लगवाता था कि पहले वाले पर थम सही से नहीं लगा है. मतदाता जब थम देकर वोट डालने जाते थे इतने ही देर में वो एक विशेष ऐप के जरिए अपने या अपने परिचित के खाते पर मतदाता के खाते से रुपयों को ट्रांसफर कर देता था.
एसडीओ सदर खुशबु गुप्ता ने बताया कि संजीत को हिरासत में लेकर मुफस्सिल थाना में रखा गया है. उससे निर्वाचन आयोग की मशीनों के अलावा एक दूसरा सिस्टम भी जब्त किया गया है. पूछताछ जारी है.
(न्यूज इनपुट - सुमित कुमार)
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