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बिहार नगर निकाय चुनाव (Bihar Nikay Chunav) के नतीजे घोषित हो चुके हैं. शुक्रवार 30 दिसंबर को दूसरे चरण की काउंटिंग हुई. इस बार के निकाय चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं. कई राजनेताओं के रिश्तेदारों को हार का सामना करना पड़ा, तो कुछ उम्मीदवारों ने चुनाव जीतकर मिसाल कायम की.
बिहार के 17 नगर निगमों में मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव में महिलाओं का डंका बजा है. 16 नगर निगमों में महिलाओं ने मेयर पद पर कब्जा जमाया है. गौर करने वाली बात है कि मेयर चुनाव में मात्र 7 सीटें ही महिलाओं के लिए आरक्षित थी.
17 नगर निगमों में मेयर के चुनाव में 6 पर बीजेपी समर्थित और 6 पर महागठबंधन समर्थित उम्मीदवारों ने परचम लहराया की है. बीजेपी समर्थित जिन उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है उनमें पटना से सीता साहू, भागलपुर से डॉ. वसुंधरा लाल, मुजफ्फरपुर से निर्मला देवी, कटिहार से उषा देवी अग्रवाल, आरा से इंदु देवी, छपरा से राखी गुप्ता हैं.
वहीं, महागठबंधन समर्थित प्रत्याशियों में से गया से वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान, मोतिहारी से प्रीति गुप्ता, पूर्णिया से विभा कुमारी, मुंगेर से कुमकुम देवी और बेगूसराय से पिंकी देवी चुनाव जीती हैं.
राज्य के चार बड़े नगर निगमों की बात की जाए तो तीन पर बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों ने कब्जा किया है, जबकि एक पर महागठबंधन समर्थित मेयर चुना गया है. वहीं डिप्टी मेयर पद पर बीजेपी समर्थित 3 उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया है. वहीं महागठबंधन में शामिल पार्टियों के 5 डिप्टी मेयर बने हैं.
राजधानी पटना (Patna) की जनता ने एक बार फिर मेयर के रूप में सीता साहू (Patna Mayor Sita Sahu) पर भरोसा जताया है. सीता साहू दूसरी बार मेयर चुनीं गई है. सीता साहू इससे पहले 2017 में पटना के मेयर बनी थीं. इस बार के चुनाव में सीता साहू ने रिकॉर्ड 79,606 मतों से जीत हासिल की है.
गया निकाय चुनाव में चिंता देवी ने इतिहास रच दिया है. 40 सालों तक मैला ढोने और शहर के गली-मोहल्लों में झाड़ू लगाने वाली चिंता देवी डिप्टी मेयर के पद पर काबिज हुई हैं. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी निकिता रजक को 27 हजार से अधिक वोटों से हराया है. 62 साल की चिंता देवी साल 2020 में रिटायरमेंट के बाद केदारनाथ मार्केट में सब्जी बेचने का काम भी करती थीं.
बेतिया नगर निगम चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. बिहार की पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी की बहू को करारी हार का समाना करना पड़ा है. मेयर पद के चुनाव में गरिमा देवी सिकारिया ने सुरभि घई को बड़े अंतर से हराया है. गरिमा सिकरिया को 73,748 वोट मिले, जबकि सुरभि घई को 10,123 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहीं. दूसरे नंबर पर रजिया बेग को 10,490 वोट मिले हैं. बता दें कि सुरभि घई रेणु देवी के भतीजे की पत्नी हैं.
गरिमा देवी सिकारिया के साथ ही उनके पति रोहित सिकारिया ने भी जीत दर्ज की है. रोहित ने वार्ड नंबर 17 से पार्षद पद पर जीत दर्ज की है.
यहां बीजेपी जोर-शोर से चुनाव लड़ रही थी. बीजेपी के कद्दावर नेता संजय जायसवाल के गृह जिले में पूर्व डिप्टी सीएम की बहू का हार जाना पार्टी के लिए एक झटका है. बेतिया में बीजेपी को एक और झटका लगा है. चनपटिया से बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह की भाभी भी चुनाव हार गईं.
दरभंगा में अंजुम आरा ने मेयर चुनाव में परचम लहराया है. अंजुम आरा ने अपने निकटतम प्रतिद्विंदी धर्मशिला को 8,734 मतों से हराया है. बता दें कि अंजुम आरा 2007 से 2017 यानी 10 साल तक वार्ड संख्या 24 की पार्षद रही चुकी हैं. उनके बाद उनके पति सिबगतुल्लाह खान उर्फ डब्बू खान भी वार्ड संख्या 24 से 10 साल तक पार्षद रहे हैं. इस बार अंजुम आरा ने मेयर पद के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की है.
वहीं नाजिया हसन डिप्टी मेयर के पद पर काबिज हुई हैं. नाजिया हसन दरभंगा जिला कांग्रेस की महासचिव हैं.
प्रदेश की 17 नगर निगमों में से 10 ऐसे नगर निगम हैं, जहां मेयर और डिप्टी मेयर पद पर महिलाएं काबिज हुई हैं. पटना में सीता साहू मेयर और रेशमी चंद्रवंशी डिप्टी मेयर निर्वाचित हुई हैं. मुजफ्फरपुर में निर्मला देवी मेयर और मोनालिसा डिप्टी मेयर चुनी गई हैं. ऐसे ही सासाराम, बिहारशरीफ, आरा, छपरा, बेतिया, दरभंगा, पूर्णिया और बेगूसराय में दोनों पदों पर महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.
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