advertisement
बिहार (Bihar) में विपक्षी पार्टी, बीजेपी ने गुरुवार, 13 जुलाई को विरोध करते हुए विधानसभा तक मार्च निकाला जिसके दौरान पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि पुलिस की लाठीचार्ज में बीजेपी जिला महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हो गयी. विजय कुमार सिंह की मौत पर बीजेपी हमलावर हो गयी है और उसने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जवाब मांगा है. वहीं, दूसरी तरफ प्रशासन ने आरोप को सिरे से नकारते हुई दावा किया है कि मृतक की मौत पुलिस लाठीचार्ज से नहीं हुई है, उसके शरीर पर चोट के निशान नहीं हैं.
बीजेपी ने गुरुवार को शिक्षकों की नियुक्ति और 10 लाख लोगों को नौकरी देने के मामले में पटना के गांधी मैदान से विधानसभा मार्च तक मार्च किया. इस दौरान मार्च में शामिल नेता और कार्यकर्ता जैसे ही डाक बंगला के समीप पहुंचे, पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. बीजेपी ने दावा किया है कि पुलिस लाठीचार्ज में घायल होने से उनके एक नेता की मृत्यु हो गई, जिनकी पहचान जहानाबाद जिले के महामंत्री विजय कुमार सिंह के रूप में की गई है.
हालांकि, जिला प्रशासन पुलिस लाठीचार्ज में किसी बीजेपी कार्यकर्ता की मौत से इंकार किया है. पटना पुलिस ने ट्वीट कर कहा, "बीजेपी के एक कार्यकर्ता छज्जुबाग में अचेतावस्था में पाये गये हैं. उन्हें PMCH हॉस्पिटल पहुंचाया गया है. ICU में उनका इलाज चल रहा है.
ऐसी खबरें प्रसारित हो रही हैं कि कि पुलिस की लाठीचार्ज की वजह से वो घायल हुये हैं. प्रथम दृष्टया यह तथ्य सत्य प्रतीत नहीं होता है.
पुलिस ने अपने ट्वीट में आगे कहा, "प्रारंभिक जांच में उनके शरीर पर कोई बाहरी जख्म नहीं पाया गया है, घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा रहा है."
वहीं, बीजेपी विधायक भागीरथी देवी ने कहा, "मुझ पर भी लाठियां चलाई गई. मैंने हाथ पकड़ा तब छोड़ा."
प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि विजय सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
इससे पहले विधानसभा मार्च गांधी मैदान से शुरू हुआ, जिसमें विभिन्न जिला से आए हजारों लोग शामिल हुए.
इधर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार को इसका जवाब देना होगा. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है. बीजेपी शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही थी. कहीं कोई उग्र प्रदर्शन नहीं किया गया. उन्होंने सवाल किया कि जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन था तो लाठियां क्यों चलाई गई?
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है.
पटना में हुए लाठीचार्ज को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, "ये कोई बदले की कारर्वाई नहीं है."
जानकारी के अनुसार, बीजेपी नेता जब मार्च के लिए डाक बंगला चौराहे पहुंचे तो वहां, मौजूद सशस्त्र पुलिस बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान बिहार पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन, आंसू गैस के गोले का प्रयोग किया, जिससे कार्यकर्ता उग्र हो गये.
इस दौरान पूरा डाक बंगला चौराहा रण क्षेत्र में तब्दील हो गया. एक तरफ बीजेपी के कार्यकर्ता पत्थर चला रहे थे तो दूसरी तरफ बिहार पुलिस के जवानों की तरफ से जमकर लाठियां चलाई गयी, जिसमें बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा को भी चोटें लगी हैं.
इससे पहले मानसून सत्र के चौथे दिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान बीजेपी विधायक वेल में पहुंच गए. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने नसीहत भी दी कि जनता हंगामा के लिए आपलोगों को नहीं भेजा है.
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे विधायकों को मार्शल से बाहर निकालने का आदेश दे दिया. बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा को मार्शलों ने उठाकर सदन के बाहर निकाला.
इसके बाद बीजेपी ने सदन से वॉकआउट कर दिया. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अघोषित आपातकाल है. सदन में विपक्षी सदस्यों को बोलने ही नहीं दे रही है.
(इनपुट- महीप राज/ IANS/ANI के साथ)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)