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आरआरबी-एनटीपीसी (RRB-NTPC) के रिजल्ट और ग्रुप D के दूसरे चरण की परीक्षा के खिलाफ अभ्यर्थियों के हिंसक प्रदर्शन को लेकर पटना में कई प्रदर्शनकारियों और कोचिंग संचालकों पर FIR दर्ज की गई है.
इस बीच कुछ छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन को आगे बढ़ाते हुए 28 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है. क्विंट ने पटना में कुछ रेलवे अभ्यर्थियों से बात की और इस पूरे विवाद के पीछे उनका पक्ष जाना.
अभ्यर्थियों ने बताया कि NTPC के CBT 1 के रिजल्ट से उनकी शिकायत इसलिए है क्योंकि CBT 2 के लिए 20 गुना यूनिक कैंडिडेट की जगह 20 गुना रोल नंबर जारी किए गए हैं, जिसकी वजह से बहुत सारे अभ्यर्थी छंट गए हैं.
इसके अलावा अभ्यर्थियों की शिकायत नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस को लेकर भी है, आरोप है कि एक ही शिफ्ट में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के नंबर अलग-अलग बढ़े हैं, साथ ही कट ऑफ भी अलग-अलग हैं. अभ्यर्थियों का आरोप है कि बोर्ड ने परीक्षा से 3 महीने पहले सिलेबस चेंज कर दिया, जो स्टूडेंट्स के साथ नाइंसाफी है.
इसके अलावा ग्रुप D की परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों की आपत्ति ये है कि 2019 की नोटिफिकेशन में सिर्फ एक परीक्षा की बात कही गई थी लेकिन परीक्षा से 1 महीने पहले कहा जा रहा है कि अब इसमें CBT 2 की भी परीक्षा होगी.
अभ्यर्थियों की मांग है कि NTPC के CBT 2 के लिए 20 गुना यूनिक कैंडिडेट्स के नाम जारी किए जाएं, ग्रुप D से CBT 2 को हटाया जाए, साथ ही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और मेडिकल में जो बदलाव किए गए हैं, उसको भी पहले की तरह किया जाए.
अभ्यर्थी न तो कमेटी को लेकर आश्वस्त हैं और न ही उन्हें रेल मंत्री के बयान से संतुष्टी है. उनका कहना है कि उन्हें भटकाया जा रहा है. अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि जब तक फैसला नहीं आ जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा.
अभ्यर्थियों ने कहा कि हिंसा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जा सकती, ये पूरी तरह से गलत है. उन्होंने साथी छात्रों से अपील की कि हमें कल को उसी रेलवे में काम करना है, वो हमारी ही प्रॉपर्टी है, इसलिए प्रदर्शन अहिंसक रखें. इसके अलावा, अभ्यर्थियों ने मांग की है कि सरकार भर्तियों के लिए एक डेडलाइन जारी करे कि इतने दिनों में भर्ती पूरी कर ली जाएगी.
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