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बेंगलुरु: दिसंबर महीने की शुरुआत में संसद की सुरक्षा में बड़े पैमाने पर सेंधमारी को लेकर सुर्खियों में आए बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा (Pratap Simha) के भाई को करोड़ों रुपये के पेड़ों की कटाई के मामले में गिरफ्तार किया गया है. सेंट्रल क्राइम ब्रांच के संगठित अपराध दस्ते ने सांसद के भाई विक्रम सिम्हा को गिरफ्तार किया है. फिलहाल, वह वन विभाग की हिरासत में है.
आरोप है कि कर्नाटक के हसन जिले में करोड़ों रुपये मूल्य के 126 पेड़ काट कर अन्य जगहों पर ले जाया गया है. एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि दस्तावेज के अनुसार, इस अपराध में विक्रम सिम्हा की मिलीभगत का संकेत देते हैं. वन अधिकारी विक्रम सिम्हा की तलाश कर रहे थे, लेकिन वह भाग निकला था. अधिकारियों ने बेंगलुरु तक विक्रम का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का इस्तेमाल किया.
आखिर में वन अधिकारियों ने संगठित अपराध टीम के साथ मिलकर विक्रम सिम्हा को गिरफ्तार किया. इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए अब उसे हसन ले जाया जाएगा.
अपने भाई की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, बीजेपी सांसद ने कर्नाटक के मंत्री मधु बंगारप्पा से जुड़े चेक बाउंस मामले को उठाया. उन्होंने कहा, "मधु बंगारप्पा 6.5 करोड़ रुपये के चेक बाउंस मामले में शामिल हैं. इसमें अदालत द्वारा छह महीने की जेल की सजा का प्रावधान है. लेकिन मेरे भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है."
सांसद सिम्हा पहले से ही संसद उल्लंघन मामले में अपना नाम आने के बाद से विपक्ष के निशाने पर हैं. 13 दिसंबर को लोकसभा में घुसपैठ करने वाले घुसपैठियों में से एक ने प्रताप सिम्हा के कार्यालय द्वारा जारी पास उपयोग किया था.
बीजेपी ने बाद में स्पीकर ओम बिरला को बताया था कि घुसपैठिए के पिता सांसद प्रताप सिम्हा के निर्वाचन क्षेत्र के निवासी थे और उन्होंने संसद जाने के लिए पास मांगा था.
विपक्ष ने इस मामले पर सवाल किया है कि सिम्हा के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. जबकि बड़े पैमाने पर सुरक्षा उल्लंघन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग करने के बाद 146 सांसदों को अनियंत्रित आचरण के लिए निलंबित कर दिया गया था.
पत्रकार से नेता बने सिम्हा ने हाल ही में कहा था कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में लोग तय करेंगे कि वह देशभक्त थे या देशद्रोही. मैसूर की पहाड़ियों पर विराजमान देवी मां चामुंडेश्वरी, ब्रह्मगिरि पर विराजमान देवी मां कावेरी, कर्नाटक भर में मेरे पाठक प्रशंसक जो पिछले बीस वर्षों से मेरी रचनाएं पढ़ रहे हैं और लोग मैसूरु और कोडगु के लोग, जिन्होंने साढ़े नौ साल तक मेरा काम देखा है और देश, धर्म और राष्ट्रवाद से संबंधित मुद्दों पर मेरा आचरण देखा है वह अप्रैल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में वोटों के माध्यम से अपना फैसला सुनाएंगे.
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