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महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. मुंबई पुलिस के 2 हजार से ज्यादा कर्मचारी कोरोना संक्रमित है. वहीं, अस्पतालों में काम करनेवाले कर्मियों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है. संक्रमितों के इलाज की व्यवस्था के लिए बीएससी लगातार दावा कर रही है. लेकिन मामले जो सामने आ रहे हैं उनसे बीएमसी के सभी दावों की पोल खुल रही है.
मुंबई के KEM हॉस्पिटल में काम करने वाली स्टाफ नर्स को पिछले दो दिनों से बुखार आ रहा है. 30 मई को उसका कोरोना टेस्ट किया गया जो रविवार को पॉजिटिव आया है. इसके बाद वह लगातार बीएमसी के कंट्रोल रूम में कॉल कर एंबुलेंस की मांग कर रही है, आरोप है कि उन्हें एंबुलेंस नहीं दिया गया.
मुंबई में एंबुलेंस की कमी नहीं होगी इसका दावा बीएमसी लगातार कर रही है. हाल ही में बीएमसी आयुक्त ने कहा था कि, एंबुलेंस की कमी को पूरा करने के लिए Uber के साथ टाईअप किया गया है. अब एंबुलेंस की लोकेशन एप पर उपलब्ध होगी.' लेकिन शायद ये दावे भी हवा हवाई ही साबित होते दिख रही है.
हाल ही में मुंबई में एंबुलेंस की कमी के संबंध में लोकसभा के पूर्व सदस्य किरीट सोमैया की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुये शुक्रवार को बम्बई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी से हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. इस मामले में अब अगली सुनवाई 2 जून को होगी.
मुंबई में एंबुलेंस की कमी की शिकायत पहले से ही की जा रही है. वक्त पर एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से कई लोगों की मौत हो चुकी है. हाल ही में एक पुलिसकर्मी की कोरोना संक्रमण की वजह से गंभीर हालत हो गई थी. हेल्पलाइन नंबर 108 पर कॉल कर एंबुलेंस की मांग की गई लेकिन वह इंतजार ही करता रह गया. बाद में उसे एक निजी एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया.
बहरहाल, बीएमसी एंबुलेंस की कमी नहीं होने का लागातार दावा कर रही है. लेकिन मुंबई में ऐसी कई घटनाएं सामने आ रही है, जिससे साफ है कि बीएमसी लोगों को एंबुलेंस सेवा देने में फेल साबित हो रही है.
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