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MP: ‘मुस्लिम समझ कर’ जिस वकील को पुलिस ने पीटा, अब उसी पर केस दर्ज

बुंदेले को कथित रूप से 23 मार्च को उस समय पीटा गया था जब वो इलाज के लिए अस्पताल जा रहे थे

काशिफ काकवी
राज्य
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बुंदेले को कथित रूप से 23 मार्च को उस समय पीटा गया था जब वो इलाज के लिए अस्पताल जा रहे थे
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बुंदेले को कथित रूप से 23 मार्च को उस समय पीटा गया था जब वो इलाज के लिए अस्पताल जा रहे थे
(फोटो: क्विंट)

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तीन महीने पहले बैतूल स्थित वकील दीपक बुंदेले को मध्य प्रदेश पुलिस ने 'मुस्लिम समझकर पीट दिया था'. पुलिस ने बुंदेले के खिलाफ 18 जून को एक केस दर्ज किया.

वकील दीपक बुंदेले अभी भी पुलिसवालों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं पुलिस ने बुंदेले के खिलाफ सेक्शन 188 (पब्लिक सर्वेंट के आदेश की अवज्ञा करना), 353 (पब्लिक सर्वेंट को ड्यूटी करने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक ताकत) और 294 (सार्वजानिक जगहों पर अश्लील हरकतें या गानें के लिए सजा) के तहत केस दर्ज कर लिया है.

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बुंदेले को कथित रूप से 23 मार्च को उस समय पीटा गया था जब वो इलाज के लिए अस्पताल जा रहे थे.

बुंदेले के दावे के मुताबिक ये घटना वाली जगह की तस्वीर है(फोटो: काशिफ काकवी/क्विंट)
बुंदेले एक दशक से भी ज्यादा समय से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीज हैं. उन्हें घटना में कई चोटें आईं और उनके कानों से कई दिन खून आया. उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और एक कॉपी बैतूल के SP को भी दी. उनकी FIR अभी दर्ज होनी बाकी है.  

बुंदेले के खिलाफ केस में पुलिस के पास राइट-विंग ग्रुप हिंदू सेना से तीन गवाह हैं.

बुंदेले ने गाली दी और बुली किया: MP पुलिस

जब बुंदेले की शिकायत पर FIR दर्ज नहीं हुई, तो वो 9 जून को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच में गए. कोर्ट से समन आने पर पुलिस ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए सेक्शन 144 में दीपक बुंदेले बिना मास्क के बाहर घूम रहे थे.

पुलिस ने कहा कि जब बुंदेले को रोका गया तो उन्होंने गाली दी. पुलिस का कहना है कि बुंदेले ने खुद को हाईकोर्ट का वरिष्ठ वकील बताकर बुली करने की कोशिश भी की.

पुलिस ने कोर्ट को बताया कि घटना की CCTV फुटेज डिलीट कर दी गई है क्योंकि पुलिस सिर्फ एक महीने का रिकॉर्ड रखती है.

हालांकि पुलिस इस बात पर सफाई देने में नाकाम रही कि उन्होंने पीड़ित के साथ CCTV फुटेज क्यों नहीं शेयर की. बुंदेले ने घटना के एक हफ्ते बाद RTI के जरिए फुटेज मांगी थी.  

अपने दावों के समर्थन में पुलिस ने तीन चश्मदीदों का जिक्र किया जो हिंदू सेना से संबंधित हैं. उनकी हाथ से लिखी हुई गवाही में तीनों ने खुद को हिंदू सेना का सदस्य बताया है. ये गवाही कोर्ट में जमा हुई है और क्विंट के पास भी है.

'पुलिस मनोबल तोड़ रही, धमका रही'

मामला बढ़ता देखकर बुंदेले ने कहा, "झूठ और झूठे गवाहों के दम पर पुलिस मेरा मनोबल तोड़ने और धमकाने की कोशिश कर रही है."

17 मई को दो पुलिसवाले बुंदेले से मिले और शिकायत वापस लेने को कहा. उन्होंने बुंदेले से कहा कि गलत पहचान की वजह से उनको पीट दिया गया था. क्योंकि दीपक की लंबी दाढ़ी है, पुलिस ने कहा कि उन्हें लगा वो मुस्लिम है और उन्हें पीट दिया.

इस मीटिंग की ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल होने के बाद MP पुलिस ने दो पुलिसवालों में से एक सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया और माफी भी मांगी.

30 जून को कोर्ट में क्या हुआ?

30 जून को इस मामले की कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस दौरान जज ने MP पुलिस के वकील से घटना की CCTV फुटेज मांगी.

सुनवाई के बारे में क्विंट से बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील एहतेशाम हाश्मी ने कहा, "जज ने एक हफ्ते में CCTV फुटेज और सभी पक्षों के बयान भी पेश करने को कहा है."

मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी.

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