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चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) के प्रवेश द्वार ऋषिकेश (Rishikesh) से लेकर चारों धामों पर पानी की बोतलों सहित खाने-पीने की चीजों पर मन मुताबिक कीमतें वसूली जा रही हैं.
इन दिनों उत्तराखंड (Uttrakhand) राज्य में चार धाम यात्रा गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धामों की यात्रा जोरों पर चल रही है. दो साल बाद यात्रा आमजन के लिए शुरू हुई तो श्रृद्धालुओं का रैला भी उमड़ पड़ा है. ऐसे में कई लोग बढ़ती भीड़ को देखकर जरूरत की चीजों को महंगे दामों पर बेचने में भी गुरेज नहीं कर रहे हैं.
मैदानी इलाकों में तापमान ने उछाल मारी तो लोग पहाड़ों की ओर चल पड़े. इस उम्मीद में कि सैर सपाटा भी हो जायेगा और लगे हाथ भगवान से आर्शीवाद भी ले लिया जायेगा. लेकिन भीड़ ज्यादा होने के चलते बीस रूपये पानी की बोतल की कीमतें अब एक सौ रूपये तक हो गयी हैं. इसकी पुष्टि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य राजेन्द्र सिंह ने भी की है. जिस पर उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि इस तरह के व्यापारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए.
केदारनाथ यात्रा पर आए असम के भास्कर बताते हैं कि,
भास्कर ने आगे बताया कि, "बस बुकिंग काउंटर पर भी भीड़ है लेकिन पूछताछ खिड़की केवल नाम के लिए खुली है कर्मचारी गायब हैं. जैसे तैसे हम गौरीकुण्ड पहुंचे तो खाना भी तीन सौ रूपये का मिला. यही दस्तूर ऊपर धाम तक देखने को मिला. कुल मिलाकर सरकार यात्रा के प्रति उदासीन बनी हुई है. तीर्थ पुरोहित अपने-अपने यात्रियों को दूसरे रास्ते से दर्शन करवा रहे हैं जो बेहद मुश्किल है."
वे बताते हैं कि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पैदल रास्तों पर पुलिस या होमगार्ड का कोई सिपाही मौजूद नहीं है. जबकि पैदल मार्ग पर घोडे खच्चर, डंडी कंडी के साथ साथ आने जाने वालो की तादात बहुत ज्यादा है.
सुझाव देते हुए भास्कर कहते हैं कि सरकार व प्रशासन को हर ढाबे व होटलों पर रेट लिस्ट चस्पा करवा देनी चहिए. धाम जाने वाले यात्रियों को रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि व गुप्तकाशी पर ही रोका जाए ताकि अनावश्यक भीड़ गौरीकुण्ड या सोनप्रयाग में न हो.
आंध्र प्रदेश के यात्री सुब्रह्मण्यम कहते हैं कि गौरीकुण्ड से केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग कीचड़ से पटा हुआ है. जिससे यात्रियों को चलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जगह जगह घोड़े खच्चरों की लीद पड़ी हुई है.
जिला पंचायत के कर्मचारी ने बताया कि, "प्रति दिन सफाई कर्मचारियों द्वारा रास्ते की सफाई की जा रही है तथा रास्तों में चूना भी डाला जा रहा है."
केदारनाथ यात्रा के लिए 7 हजार से ज्यादा घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. पूरे पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चरों की आवाजाही हो रही है. दोनों ओर से घोड़े खच्चर चलने के कारण पैदल चलने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
कई बार घोड़े-खच्चरों की टक्कर लगने से पैदल चलने वाले यात्री चोटिल भी हो रहे हैं,इसके अलावा पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चरों की लीद से गंदगी फैल रही है.
(न्यूज इनपुट्स - मधुसूदन जोशी)
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