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छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी रायपुर के बोरियाकला स्थित शंकराचार्य आश्रम में ज्योतिर्मठ उत्तराखंड के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के रायपुर आगमन पर उनसे मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पहली बार छत्तीसगढ़ पहुंचे थे.
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा और गौठान दिवस के अवसर पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही साथ प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की है. मुख्यमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि गोवर्धन पूजा लोकजीवन से जुड़ा त्यौहार है. दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. इसे अन्नकूट के रूप में जाना जाता है. छत्तीसगढ़ में इस दिन गायों की पूजा करने की परंपरा रही है. गायों को सजा-धजा कर उनकी पूजा कर खिचड़ी खिलाई जाती है और गोधन के रूप में अमूल्य चीजों के लिए श्रद्धा और आभार प्रकट किया जाता है.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार गोधन को सहेजने और उसका लाभ लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है. सुराजी गांव योजना के तहत प्रदेश में गौठान बनाये जा रहे हैं और इन गौठानों को मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है. गौठानों के माध्यम से पशुपालन को अर्थव्यवस्था से जोड़ने, लोगों को रोजगार दिलाने और जैविक खेती को बढ़वा देने के प्रयास किये गए हैं. गौ पालकों से गोबर खरीद कर वर्मी कम्पोस्ट और दूसरे उपयोगी सामान बनाने की पहल की गई है.
इसके अलावा गौठान बनने से किसानों की फसल की सुरक्षा के साथ ही उन्हें दोहरी फसल लेने का अवसर भी मिल रहा है. इस साल से हमने गौ-मूत्र की खरीदी भी शुरू की है, जिसका उपयोग कीटनाशक बनाने में किया जा रहा है. इसका फायदा किसानों और पशुपालकों को मिलने लगा है. बघेल ने कहा कि गोवर्धन पूजा में खिचड़ी खिलाने की तरह ही गायों के लिये छाया, चारा और पानी की व्यवस्था में निरंतर सहभागिता से ही हम सही मायने में गौ-सेवा कर सकेंगे.
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