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झांसी: CM से मिलने आए थे, UP पुलिस ले गई, डॉक्टर से सुनिए आपबीती

क्विंट हिंदी से बातचीत में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ हरदीप ने 23 मई का पूरा ब्योरा बताया.

अभय कुमार सिंह
राज्य
Published:
<div class="paragraphs"><p>CM के झांसी दौरे के बीच बदसलूकी झेलने वाले डॉक्टर की आपबीती</p></div>
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CM के झांसी दौरे के बीच बदसलूकी झेलने वाले डॉक्टर की आपबीती

(फोटो: क्विंट हिंदी) 

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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

23 मई को सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) झांसी (Jhansi) के दौरे पर पहुंचे थे. कोरोना वायरस (Coronavirus) से जुड़ी व्यवस्थाओं का जायजा लेने वो झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज भी पहुंचे. इसी मेडिकल कॉलेज के कुछ जूनियर डॉक्टर सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने व्यवस्थाओं में खामियों समेत अपनी कुछ मांग रखना चाहते थे और अपने अस्पताल में पहुंचे सीएम से मिलना चाहते थे लेकिन इन्हें मिलने भी नहीं दिया गया और धक्का देते हुए पुलिस की गाड़ी में बिठाकर थाने ले जाया गया. जहां कुछ घंटों तक इन्हें बिठाए रखा गया. इन डॉक्टरों में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ हरदीप भी शामिल थे.

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क्विंट हिंदी से उन्होंने अपनी आपबीती बताई और कहा कि जिस तरीके से सार्वजनिक तौर पर डॉक्टरों के साथ बदसलूकी की गई है, वैसे ही अगर गलती नहीं है तो उन अधिकारियों को सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगनी चाहिए.

आखिर डॉक्टरों को थाने क्यों ले गए पुलिसकर्मी?

जो वीडियो सामने आए हैं. उनमें देखा जा सकता है कि डॉ हरदीप से पुलिसकर्मी उनका लेटर ले रहे हैं, मांगने पर भी वापस नहीं दिया जा रहा है. फिर कुछ पुलिस अधिकारी उन्हें धक्का देते हुए पुलिस की गाड़ी तक ले जा रहे हैं.

हम लोगों ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि हमें अपनी समस्याओं का ये लेटर सीएम को देना है. अधिकारियों ने बिना सुने ही हमसे लेटर छीन लिया. हमें लेटर भी वापस नहीं दिया गया, हमने मांगा तो वो धक्का देकर गाड़ी में बिठा लिया. प्रेमनगर थाने ले जाया गया. हमें तीन-चार घंटे तक एक कमरे में रखा गया. फिर जब मैंने अपने दिल्ली-लखनऊ के डॉक्टरों के प्लेटफॉर्म पर बताया कि ऐसा हुआ हमारे साथ. फिर उसके कुछ देर बाद हमें छोड़ा.
डॉ हरदीप, प्रेसिडेंट, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन

डॉ हरदीप कहते हैं कि ये मामला सामने आने के बाद झांसी के डीएम ने बुलाया और मुद्दे सुने गए और पूरा करने का भरोसा दिया गया.

हम सब की ये मांग थी कि जिन लोगों ने हमसे पब्लिक में मिस बिहैव किया है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए. हमारे सामने कार्य बहिष्कार की भी बातें आईं लेकिन लोगों का सोचते हुए हमने ये कदम नहीं उठाया. लेकिन हमारी मांग है कि बिना बात के हमसे खराब व्यवहार करने वाले अधिकारियों को माफी मांगनी चाहिए.
डॉ हरदीप, प्रेसिडेंट, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन

किन मांगों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलना चाहते थे डॉक्टर?

डॉ हरदीप अपने साथी डॉक्टरों और मेडिकल स्टूडेंट्स की जिन मांगों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलना चाहते थे वो किसी भी मेडिकल कॉलेज के लिए बुनियादी बातें हैं. ये ऐसी मांगे नहीं हैं जिनकी वजह से कोई तनाव पैदा हो जाए या शांति भंग हो जाए.

ये मांगे हैं-

  • मेडिकल कॉलेज में लाइब्रेरी पिछले डेढ़ साल से बंद है इसलिए एक सेंट्रल लाइब्रेरी बनाई जाए.
  • मेडिकल सीटें बढ़कर 150 हो गई हैं लेकिन हॉस्टल की क्षमता को नहीं बढ़ाया गया. साथ ही एकमात्र स्पोटर्स ग्राउंड सिर्फ मंत्रियों के हैलीपेड के लिए इस्तेमाल किया जाता है इसलिए एक नया स्पोर्टस ग्राउंड बनाया जाए.
  • इन रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांग है कि मेडिकल कॉलेज में जरूरी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाए. क्योंकि ऐसा देखा जाता है जब कोई प्रशासनिक दौरा होता है तभी दवाई उपलब्ध कराई जाती हैं उसके बाद कमी दिखती है.
  • रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रशासनिक अधिकारियों के दुर्व्यवहार की शिकायत की है. इनका कहना है कि डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ, नर्स और सफाईकर्मियों को डांटा जाता है. अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि वे मेडिकल स्टाफ के साथ अच्छा व्यवहार करें.

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