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देशभर में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है और मुंबई में हालात बदतर हो रहे हैं. वहीं हर रोज मुंबई के किसी न किसी अस्पताल से ऐसी खबर आ रही है, जो निराश करती है. अब मुंबई के KEM अस्पताल की नर्स धरने पर बैठ गई हैं. इन नर्सों का आरोप है कि स्वॉब टेस्ट नहीं किए जा रहे हैं. नर्स ये कह रही हैं कि कई स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद भी टेस्ट नहीं हो पा रहा है.
धरने पर बैठी नर्सों का कहना है कि PPE किट्स में लगातार 8 घंटे काम करना मुश्किल हो रहा है. मांग है कि काम के घंटों को कम किए जाने की जरूरत है. जो हॉस्पिटल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हैं, उनके लिए अलग से वॉर्ड दिए जाने की मांग है. नर्सों का कहना है कि स्टाफ तक को बेड नहीं मिल पा रहे हैं.
इससे पहले 31 मई को एक खबर आई कि KEM हॉस्पिटल में काम करने वाली स्टाफ नर्स को दो दिन से बुखार आ रहा था, 30 मई को उसका कोरोना टेस्ट किया गया जो पॉजिटिव आया, इसके बाद वह लगातार बीएमसी के कंट्रोल रूम में कॉल कर एंबुलेंस की मांग कर रहीं थीं, आरोप है कि उन्हें एंबुलेंस नहीं दिया गया.
अब जब मुंबई में एंबुलेंस की कमी नहीं होगी इसका दावा बीएमसी लगातार कर रही है. हाल ही में बीएमसी आयुक्त ने कहा था कि, एंबुलेंस की कमी को पूरा करने के लिए Uber के साथ टाईअप किया गया है. अब एंबुलेंस की लोकेशन एप पर उपलब्ध होगी. लेकिन शायद ये दावे भी हवा हवाई ही साबित होते दिख रही है.
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