Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019दिल्ली में आंधी में आखिर क्यों गिरे इतने ज्यादा पेड़, क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

दिल्ली में आंधी में आखिर क्यों गिरे इतने ज्यादा पेड़, क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

NDMC के बागवानी विभाग के मुताबिक दिल्ली में कुल 77 पेड़ गिरे थे

क्विंट हिंदी
राज्य
Published:
<div class="paragraphs"><p>Delhi:  आंधी में आखिर क्यों गिरे इतने ज्यादा पेड़, क्या कहते हैं एर्ट्क्सपस?</p></div>
i

Delhi: आंधी में आखिर क्यों गिरे इतने ज्यादा पेड़, क्या कहते हैं एर्ट्क्सपस?

(फोटो-PTI)

advertisement

दिल्ली (Delhi) में सोमवार को 'गंभीर' श्रेणी की आंधी आने से कई पेड़ गिर गए और कई पेड़ों की शाखाएं टूट गई. आंधी की वजह से राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में बड़ी संख्या में पेड़ों को नुकसान हुआ है. नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) के बागवानी विभाग के मुताबिक कुल 77 पेड़ गिरे थे. जबकि 58 शाखाएं टूट गई थी. अशोक रोड पर जामुन पेड़ की शाखा टूटने से दो कारों को नुकसान हुआ था. वहीं टॉल्स्टॉय रोड पर भी जामुन का पेड़ की मोटी शाखा टूट गई. नीम का पेड़ गिरने से जंतर-मंतर रोड बाधित हो गया था.

पेड़ गिरने पर राज्यपाल ने जताई चिंता

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने मंगलवार को पेड़ों के रख-रखाव को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने तूफान के बाद पेड़ों के उखड़ने को गंभीरता से लिया है और इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा.

पेड़ गिरने की वजह क्या है?

दिल्ली में आंधी-तूफान में पेड़ों के गिरने को खतरे के रूप में देखा जा रहा है. इसके साथ ही पेड़ों के रख-रखाव को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पेड़ों के गिरने के पीछे 3 मुख्य कारण है.

1. पेड़ों के चारों तरफ कंक्रीट निर्माण

दिल्ली में पेड़ों के चारों ओर बने पक्के निर्माण को इसका मुख्य वजह माना जा रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इकोलॉजिस्ट सीआर बाबू ने कहा कि पेड़ उखड़ने की एक मुख्य वजह पेड़ोंं के आसपास कंक्रीट के ठोस निर्माण हो सकते हैं. जिसकी वजह से जड़ों का सही से विकास नहीं हो पाता है.

उन्होंने आगे बताया कि "अगर जमीन के अंदर पेड़ों की जड़ों का सही से विकास होगा तो वे आसानी से नहीं गिरेंगे. अधिकांश पेड़ों में 'फीडर रूट्स' होते हैं जो मिट्टी की ऊपरी परतों से पोषक तत्व और नमी लेते हैं. लेकिन ये जड़ें कंक्रीट के नीचे विकसित नहीं हो पाती हैं. क्योंकि इन्हें ऑक्सीजन की जरूरत होती है. अगर पेड़ों के आसपास की जगह कंक्रीट से ढकी हुई है, तो कंक्रीट के नीचे कोई जीवन नहीं होगा."

सीआर बाबू ने आगे कहा कि पेड़ों के ऊपरी हिस्सों का भी ठीक से प्रबंधन नहीं किया जाता है. अगर ऊपरी हिस्सा ज्यादा भारी है और उसके अनुरूप जड़ का विकास नहीं हुआ है तो फिर पेड़ तेज हवा को कैसे झेल पाएंगे.

2. सड़क किनारे पुराने पेड़ों का होना

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में लगे ज्यादा तर पेड़ बहुत पुराने हैं. कइयों की उम्र तो 100 साल से भी अधिक है. ऐसे में कमजोर हो चुके पेड़ तेज आंधी-तूफान नहीं झेल पाते हैं और टूटकर गिर जाते हैं.

3. रोडों की बेतरतीब खुदाई

दिल्ली में पेड़ गिरने का तीसरा सबसे बड़ा कारण अंधाधुंध और बेतरतीब रोड कटिंग को भी माना जा रहा है. इससे सड़क किनारे लगे पेड़ों को खासा नुकसान होता है. अंडरग्राउंड केबल, गैस पाइपलाइन, सीवर लाइन बिछाने के लिए सड़क किनारे बार-बार खुदाई की जाती है, जिसका सबसे ज्यादा असर आस-पास के पेड़ों पर पड़ता है. जड़ें कटने से पेड़ कमजोर हो जाते हैं और आंधी-तूफान में गिर जाते हैं.

पेड़ों को लेकर क्या है NGT का आदेश?

2013 में NGT ने पेड़ों के 1 मीटर के दायरे में कंक्रीट निर्माण हटाने के निर्देश दिए थे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में वन विभाग ने सभी विभागों और एजेंसियों को नोटिस जारी कर पेड़ों के आस-पास बने कंक्रीट निर्माणों को हटाने के लिए कहा था.

नोटिस में कहा गया था कि कंक्रीट निर्माण से पेड़ों को नुकसान होता है और दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1994 के तहत एक अपराध है.

वेस्ट डिवीजन के डीसीएफ नवनीत श्रीवास्तव ने कहा, “पेड़ के चारों तरफ पक्का निर्माण करने से इसके गिरने की संभावना अधिक होती है. यह निश्चित रूप से बड़े पेड़ों के गिरने का एक कारक हो सकता है.”

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT