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महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने रविवार को कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने घोटाले के आरोपियों डीएचएफएल के प्रमोटर-कपिल और धीरज वाधवान को हिरासत में ले लिया है और स्थानीय पुलिस ने केंद्रीय जांच एजेंसी को पूरा सहयोग दिया.
दोनों ही वित्तीय अनियमितताओं के आरोपी हैं और 21 फरवरी से जमानत पर बाहर थे. इस माह के प्रारंभ में जब वे लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए मुम्बई से महाबलेश्वर जा रहे थे, तब उन्हें पकड़ लिया गया था. मंत्री ने ट्वीट किया,
सतारा में इन दोनों आरोंपियों की क्वारंटीन अवधि पूरी हो जाने के बाद देशमुख ने सीबीआई से उन्हें हिरासत में लेने का अनुरोध किया था.
बता दें कि लॉकडाउन के बीच 8 अप्रैल को वधावन बंधुओं और उनके परिजनों को पुणे में खंडाला हिल स्टेशन से सतारा जिले में महाबलेश्वर हिल स्टेशन तक यात्रा करने की अनुमति दिए जाने के बाद राजनीति गर्मा गई थी. महाबलेश्वर में 9 अप्रैल को उन्हें हिरासत में लिया गया और पंचगनी में इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटीन में भेज दिया गया. बाद में वधावन बंधुओं ने दावा कर कहा कि वे सभी वास्तव में कोविड-19 महामारी के प्रसार से बचने के लिए खंडाला में किराए के आवास से महाबलेश्वर में अपने पैतृक आवास में जा रहे थे. बढ़े विवाद के बाद इसमें सीबीआई और ईडी भी कूद पड़े, राज्य सरकार ने उन्हें वहां जाने की अनुमति देने के लिए एक आईपीएस अधिकारी की भूमिका पर भी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए. मार्च की शुरुआत में सामने आए घोटाले के मामले में येस बैंक बैंक के संस्थापक राणा कपूर के साथ डीएचएफएल समूह और वधावन भाइयों को आरोपी बनाया गया है.
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