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तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में एक खेतिहर मजदूर की मेधावी बेटी ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में नाकामयाब होने के बाद आत्महत्या कर ली. पुलिस ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है.
छात्रा की मौत के बाद द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने तमिलनाडु को छोड़कर लेकिन पश्चिम बंगाल को मिलाकर दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से नीट का विरोध करने का आह्वान किया क्योंकि यह ‘‘गैर हिन्दी भाषी छात्रों के प्रति भेदभावपूर्ण है'' और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को ‘‘मौलिक रूप से नुकसान'' में रखता है.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सोमवार को नीट के नतीजों की घोषणा की थी. नीट देशभर में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में नामांकन के लिए एक प्रवेश परीक्षा है. पुलिस ने बताया कि 19 साल की प्रतिभा ने सोमवार को जहर खा लिया था जिसके बाद उसके परिवार वाले उसे एक अस्पताल ले गये. वहां एक डॉक्टर ने उसे बेहतर इलाज के लिए जिला मुख्यालय के अस्पताल में ले जाने की सलाह दी. लेकिन रात में उसे मृत घोषित कर दिया गया. उन्होंने बताया कि छात्रा ने एक खत छोड़ रखा था, जिसमें उसने लिखा कि उसका सपना एक डॉक्टर बनना था, लेकिन नीट के सवाल काफी मुश्किल थे. यह उसका दूसरा अटेम्प्ट था.
छात्रा की आत्महत्या का मुद्दा मंगलवार को तमिलनाडु विधानसभा में उठा. विपक्षी द्रमुक और कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया. छात्रा प्रतिभा की मौत को लेकर द्रमुक ने इस मुद्दे पर अपनी धुर-विरोधी अन्नाद्रमुक से सवाल किया. नीट के मुद्दे पर विपक्ष के नेता एम के स्टालिन ने पिछले साल हुई एक अन्य छात्रा अनिता की मौत पर शोक जताया.
इसके बाद स्टालिन ने नीट मुद्दे पर राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सी विजयभास्कर के जवाब से असंतोष जताते हुए पार्टी विधायकों के साथ सदन से वॉकआउट किया. नीट से तमिलनाडु को छूट सुनिश्चित कराने में राज्य के प्रयासों का जिक्र करते हुए विजयभास्कर ने कहा कि नीट पर सरकार का रुख सभी जानते हैं, जबकि विधानसभा इस संबंध में पिछले साल दो प्रस्ताव मंजूर कर चुकी है.
स्टालिन ने दक्षिण भारत के गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों और ममता बनर्जी से नीट का विरोध करने का आह्वान किया और कहा कि यह ग्रामीण छात्रों को ‘‘मौलिक रूप से नुकसान'' में रखता है. राजनीति में उतरे सुपरस्टार रजनीकांत ने प्रतिभा की मौत को 'दयनीय' बताया और कहा कि इस तरह की घटनाएं फिर से नहीं होनी चाहिए. दूसरी राजनीतिक पार्टियों ने भी छात्रा की मौत पर शोक व्यक्त किया है.
(इनपुट: भाषा)
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