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NEET में फेल हुई मेधावी छात्रा ने की खुदकुशी, सियासत गरमाई  

मामले पर राजनीतिक दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है. तमिलनाडु विधानसभा में उठा मुद्दा

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सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा कि उसका डॉक्टर बनने का सपना टूट गया
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सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा कि उसका डॉक्टर बनने का सपना टूट गया
(फोटो: iStock)

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तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में एक खेतिहर मजदूर की मेधावी बेटी ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में नाकामयाब होने के बाद आत्महत्या कर ली. पुलिस ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है.

छात्रा की मौत के बाद द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने तमिलनाडु को छोड़कर लेकिन पश्चिम बंगाल को मिलाकर दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से नीट का विरोध करने का आह्वान किया क्योंकि यह ‘‘गैर हिन्दी भाषी छात्रों के प्रति भेदभावपूर्ण है'' और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को ‘‘मौलिक रूप से नुकसान'' में रखता है.

डॉक्टर बनने का सपना टूटने पर दी जान

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सोमवार को नीट के नतीजों की घोषणा की थी. नीट देशभर में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में नामांकन के लिए एक प्रवेश परीक्षा है. पुलिस ने बताया कि 19 साल की प्रतिभा ने सोमवार को जहर खा लिया था जिसके बाद उसके परिवार वाले उसे एक अस्पताल ले गये. वहां एक डॉक्टर ने उसे बेहतर इलाज के लिए जिला मुख्यालय के अस्पताल में ले जाने की सलाह दी. लेकिन रात में उसे मृत घोषित कर दिया गया. उन्होंने बताया कि छात्रा ने एक खत छोड़ रखा था, जिसमें उसने लिखा कि उसका सपना एक डॉक्टर बनना था, लेकिन नीट के सवाल काफी मुश्किल थे. यह उसका दूसरा अटेम्प्ट था.

पुलिस के मुताबिक दसवीं क्लास की परीक्षा में लड़की ने कुल 500 में से 490 अंक और 12वीं क्लास की परीक्षा में कुल 1200 में से 1125 अंक हासिल किए थे. हालांकि उसे नीट परीक्षा में 700 में से केवल 39 अंक हासिल हुए. पिछले साल भी अरियालुर की एक दलित लड़की अनिता ने नीट में कम मार्क्स मिलने पर आत्महत्या कर ली थी, जिसपर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था.
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मामले पर विधानसभा में हंगामा

छात्रा की आत्महत्या का मुद्दा मंगलवार को तमिलनाडु विधानसभा में उठा. विपक्षी द्रमुक और कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया. छात्रा प्रतिभा की मौत को लेकर द्रमुक ने इस मुद्दे पर अपनी धुर-विरोधी अन्नाद्रमुक से सवाल किया. नीट के मुद्दे पर विपक्ष के नेता एम के स्टालिन ने पिछले साल हुई एक अन्य छात्रा अनिता की मौत पर शोक जताया.

इसके बाद स्टालिन ने नीट मुद्दे पर राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सी विजयभास्कर के जवाब से असंतोष जताते हुए पार्टी विधायकों के साथ सदन से वॉकआउट किया. नीट से तमिलनाडु को छूट सुनिश्चित कराने में राज्य के प्रयासों का जिक्र करते हुए विजयभास्कर ने कहा कि नीट पर सरकार का रुख सभी जानते हैं, जबकि विधानसभा इस संबंध में पिछले साल दो प्रस्ताव मंजूर कर चुकी है.

विजयभास्कर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत केंद्र सरकार के समक्ष इस संबंध में किये गये विभिन्न प्रतिवेदनों का जिक्र किया. विल्लुपुरम की छात्रा की मौत पर शोक जताते हुए हालांकि उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने के लिए राज्य सरकार बाध्य है, और ऐसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिये राज्य सरकार प्रयास कर रही है.

स्टालिन ने दक्षिण भारत के गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों और ममता बनर्जी से नीट का विरोध करने का आह्वान किया और कहा कि यह ग्रामीण छात्रों को ‘‘मौलिक रूप से नुकसान'' में रखता है. राजनीति में उतरे सुपरस्टार रजनीकांत ने प्रतिभा की मौत को 'दयनीय' बताया और कहा कि इस तरह की घटनाएं फिर से नहीं होनी चाहिए. दूसरी राजनीतिक पार्टियों ने भी छात्रा की मौत पर शोक व्यक्त किया है.

(इनपुट: भाषा)

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