advertisement
मध्यप्रदेश में राजस्व विभाग की लापरवाही की वजह से मध्य प्रदेश के हजारों किसान मुसीबत में पड़ गए हैं. पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) के तहत उनके खातों में पैसे डाले गए थे, जिनको उन्होंने अपनी जरूरत में खर्च कर लिया है, लेकिन अब उनको अपात्र बताकर खातों में डाले गए पैसों को वापस करने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं और वापस नहीं करने पर उनकी चल अचल संपत्ति कुर्क करने की चेतावनी दी जा रही है.
ताजा मामला प्रदेश के छतरपुर जिले का है. तहसीलदार छतरपुर ने पीएम किसान सम्मान करीबन 200 महिला किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि वापस करने का नोटिस दिया है, क्योंकि उनके पतियों को भी यह सम्मान निधि मिली है,पति अलग किसान हैं और पत्नी अलग किसान. लेकिन पति पत्नी में से किसी एक को ही सम्मान निधि दिए जाने की योजना है, नोटिस में चेतावनी दी गई है की राशि वापस नहीं करने पर चल अचल संपत्ति कुर्क की जाएगी.
नोटिस मिलते ही किसानों को हड़कंप मच गया है, यह वो किसान हैं, जिनके परिवारों को खेती की जमीन के संयुक्त खाते हैं और उनको अलग-अलग खातेदार बनाकर योजना का लाभ मिल गया है. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब प्रशासन ने किसानों की जांच कराई जांच में तो किसानों को अपात्र माना गया है और इन अपात्र किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं.
अकेले ग्राम पंचायत श्रावण और चौका में सैकड़ों किसानों को नोटिस जारी किया गया है. किसानों का आरोप है कि जब सम्मान निधि के फॉर्म भरे जा रहे थे, उस समय जांच करना चाहिए था. पहले बिना जांच के सम्मान निधि का बंटवारा कर दिया, अब जब किसानों ने राशि खर्च कर ली है, तो सरकार किसानों से प्रधानमंत्री सम्मान निधि वापस मांग रही है.
सरकार इसके अंतर्गत छोटे और मझोले किसानों को आर्थिक सहायता देती है, जिसके पास में 2 हेक्टर से कम भूमि हो. इन योजनाओं के तहत सभी किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष 6000 दिए जाते हैं. दिसंबर 2018 से यह योजना लागू की गई था. सहायता राशि सीधे किसान के खाते में दो 2000 के रूप में आती है. इस योजना में शामिल खाते वाले परिवार में से किसी एक व्यक्ति को योजना का लाभ मिल सकता है, वही इनकम टैक्स पेयर्स और पेंशनर्स भी इस योजना के तहत अपात्र होते हैं.
वो आगे कहते हैं 'मोदी जी ने धीरे-धीरे 2 हजार दिए थे, उन्होंने ऐलान किया था कि हर किसान को 2-2 हजार देंगे. उन्होंने ऐलान किया था तो हमने ले लिए. अब एक साथ 10 हजार मांग रहे हैं. अब जान ले लो या जेल भेज दो.'
महिला किसान पार्वती का कहना है कि
इस मामले में मध्यप्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री लगातार देश की जनता को मूर्ख बनाने का काम कर रहे हैं और एक तरफ तो बड़े-बड़े कार्यक्रम किये जा रहे हैं और वाहवाही लूटने का काम किया जा रहा है और दूसरी तरफ हमारे सीधे साधे भोले भाले किसानों को नोटिस दिए जा रहे हैं, उनको प्रताड़ित किया जा रहा है. उनको डराया धमकाया जा रहा है और उनके खातों में जो राशि डाली गई है, वो राशि वापस करने का काम किया जा रहा है.
हालांकि किसानों को नोटिस देने का काम राजस्व विभाग ने किया है, लेकिन एक किसान नेता होने के कारण जब क्विंट ने मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल से बात की तो, उन्होंने कहा-
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)