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मध्य प्रदेश में किसानों को मिला पीएम सम्मान निधि का पैसा, अब वापस मांग रही सरकार

मोदी जी ने धीरे-धीरे 2 हजार दिए थे, अब एक साथ 10 हजार मांग रहे हैं. अब जान ले लो या जेल भेज दो.'

इज़हार हसन खान
राज्य
Updated:
<div class="paragraphs"><p>हजारों किसान मुसीबत में</p></div>
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हजारों किसान मुसीबत में

(फोटो: क्विंट)

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मध्यप्रदेश में राजस्व विभाग की लापरवाही की वजह से मध्य प्रदेश के हजारों किसान मुसीबत में पड़ गए हैं. पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) के तहत उनके खातों में पैसे डाले गए थे, जिनको उन्होंने अपनी जरूरत में खर्च कर लिया है, लेकिन अब उनको अपात्र बताकर खातों में डाले गए पैसों को वापस करने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं और वापस नहीं करने पर उनकी चल अचल संपत्ति कुर्क करने की चेतावनी दी जा रही है.

200 महिला किसानों को नोटिस

ताजा मामला प्रदेश के छतरपुर जिले का है. तहसीलदार छतरपुर ने पीएम किसान सम्मान करीबन 200 महिला किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि वापस करने का नोटिस दिया है, क्योंकि उनके पतियों को भी यह सम्मान निधि मिली है,पति अलग किसान हैं और पत्नी अलग किसान. लेकिन पति पत्नी में से किसी एक को ही सम्मान निधि दिए जाने की योजना है, नोटिस में चेतावनी दी गई है की राशि वापस नहीं करने पर चल अचल संपत्ति कुर्क की जाएगी.

नोटिस मिलते ही किसानों को हड़कंप मच गया है, यह वो किसान हैं, जिनके परिवारों को खेती की जमीन के संयुक्त खाते हैं और उनको अलग-अलग खातेदार बनाकर योजना का लाभ मिल गया है. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब प्रशासन ने किसानों की जांच कराई जांच में तो किसानों को अपात्र माना गया है और इन अपात्र किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं.

अकेले ग्राम पंचायत श्रावण और चौका में सैकड़ों किसानों को नोटिस जारी किया गया है. किसानों का आरोप है कि जब सम्मान निधि के फॉर्म भरे जा रहे थे, उस समय जांच करना चाहिए था. पहले बिना जांच के सम्मान निधि का बंटवारा कर दिया, अब जब किसानों ने राशि खर्च कर ली है, तो सरकार किसानों से प्रधानमंत्री सम्मान निधि वापस मांग रही है.

किसानों का कहना है कि किसी के खाते में 6000 आए हैं, तो किसी के खाते में 8000 आए हैं. लेकिन नोटिस 10000 का आया है, तहसीलदार के इस फरमान से किसानों में हड़कंप मच गया है और वह हैरान-परेशान से यहां वहां मदद की गुहार लगाते फिर रहे हैं.

क्या है पीएम किसान सम्मान निधि योजना?

सरकार इसके अंतर्गत छोटे और मझोले किसानों को आर्थिक सहायता देती है, जिसके पास में 2 हेक्टर से कम भूमि हो. इन योजनाओं के तहत सभी किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष 6000 दिए जाते हैं. दिसंबर 2018 से यह योजना लागू की गई था. सहायता राशि सीधे किसान के खाते में दो 2000 के रूप में आती है. इस योजना में शामिल खाते वाले परिवार में से किसी एक व्यक्ति को योजना का लाभ मिल सकता है, वही इनकम टैक्स पेयर्स और पेंशनर्स भी इस योजना के तहत अपात्र होते हैं.

नोटिस मिलने पर क्या बोले किसान?

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हमारे नाम से जमीन का खाता है, पत्नी के नाम से भी खाता है. दोनों के खाते में पैसे आए, अब उनसे पैसे वापस मांगे जा रहे हैं. छतरपुर के किसान जस्सू खान छतरपुर तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. इनकी उम्र 80 साल हो गई है और उनकी पत्नी विकलांग और बीमार रहती हैं, यह पैसा उनके इलाज में खर्च हो गया है.
बुजुर्ग किसान, रामनाथ तिवारी

वो आगे कहते हैं 'मोदी जी ने धीरे-धीरे 2 हजार दिए थे, उन्होंने ऐलान किया था कि हर किसान को 2-2 हजार देंगे. उन्होंने ऐलान किया था तो हमने ले लिए. अब एक साथ 10 हजार मांग रहे हैं. अब जान ले लो या जेल भेज दो.'

महिला किसान पार्वती का कहना है कि

'खाते में पैसे डाले थे जो अपनी जरूरत में काम में ले लिए कहां से वापस दे दें'

पूर्व कृषि मंत्री ने केंद्र की योजनाओं को बताया ढकोसला

इस मामले में मध्यप्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री लगातार देश की जनता को मूर्ख बनाने का काम कर रहे हैं और एक तरफ तो बड़े-बड़े कार्यक्रम किये जा रहे हैं और वाहवाही लूटने का काम किया जा रहा है और दूसरी तरफ हमारे सीधे साधे भोले भाले किसानों को नोटिस दिए जा रहे हैं, उनको प्रताड़ित किया जा रहा है. उनको डराया धमकाया जा रहा है और उनके खातों में जो राशि डाली गई है, वो राशि वापस करने का काम किया जा रहा है.

बड़ी संख्या में ऐसे किसान साथी हैं, जिनको नोटिस दिए गए हैं और प्रशासन की तरफ से उनको भारी दबाव दिया जा रहा है, तो यह अपने आप मे दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी की जितनी भी नीतियां रही है योजनाएं रही हैं वो एक ढकोसला मात्र हैं, सिर्फ दिखावा मात्र हैं उसका असली लाभ आम लोगों तक नही पहुंच पाता है.

(फोटो: क्विंट)

कृषि मंत्री बोले किसानों को नहीं होने देंगे परेशान?

हालांकि किसानों को नोटिस देने का काम राजस्व विभाग ने किया है, लेकिन एक किसान नेता होने के कारण जब क्विंट ने मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल से बात की तो, उन्होंने कहा-

इस योजना में नियम है कि पति-पत्नी एक परिवार माना जाता है. परिवार में से किसी एक को योजना का लाभ मिल सकता है और यह राजस्व विभाग के निचले स्तर के अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही रही, जिसके कारण परिवार में पति पत्नी दोनों को योजना का लाभ मिल गया. आपने यह मामला मेरे संज्ञान में लाया है. यह मामला राजस्व विभाग का है, लेकिन फिर भी किसानों से जुड़ा होने के कारण मैं इस मामले में छतरपुर कलेक्टर से बात करूंगा और उनसे कहूंगा कि इस तरह से किसानों को परेशान नहीं किया जाए और जो महिलाओ को नोटिस मिला है इनके पतियों की आने वाली किस्त में एडजस्टमेंट किया जाए.
कमल पटेल, मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री

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Published: 20 Aug 2021,03:05 PM IST

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