Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019माघ मेला में संगम पर भड़के संन्‍यासी, कहा-योगी से ऐसी उम्मीद नहीं

माघ मेला में संगम पर भड़के संन्‍यासी, कहा-योगी से ऐसी उम्मीद नहीं

साधु-संतों ने कहा-‘आस्था के साथ खिलवाड़ की इजाजत नहीं’

विक्रांत दुबे
राज्य
Published:
गंगा में गंदा जल देख भड़के दंडी संन्‍यासी
i
गंगा में गंदा जल देख भड़के दंडी संन्‍यासी
(फोटोः विक्रांत दूबे)

advertisement

इलाहाबाद में संगम तट पर प्रदूषित गंगा जल देख दंडी संन्यासी भड़क गए. साथ ही योगी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने माघ मेले के पहले स्नान पर्व का बहिष्कार कर दिया. इससे प्रशासन के हाथ पांव फूल गये और आनन-फानन में संन्यासियों के मान मनौव्वल का काम शुरू हुआ.

इलाहाबाद में 2 जनवरी से एक महीने का माघ मेला शुरू हो गया है. मेले के पहले स्नान पर्व 2 जनवरी को पौष पूर्णिमा के मौके पर संगम में साफ और निर्मल जल हीं मिलने से दंडी संन्यासी नाराज हो गए.

माघ मेले का बहिष्कार

स्वामी प्रबंधन समिति के संरक्षक स्वामी महेशाश्रम महाराज ने नाराज होकर गंगा स्नान का बहिष्कार कर दिया. ये खबर कुछ ही देर में पूरे मेला क्षेत्र में फैल गयी और लगभग सभी साधु-संन्यासी इस बहिष्कार में शामिल हो गए.

उन्होंने साफ कह दिया कि गंगा में दूषित जल होने से साधु-संतों के साथ ही श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं. मेला प्रशासन को फौरन इस ओर ध्यान देना चाहिए.

स्वामी महेशाश्रम महाराज ने ‘द क्विंट’ से विशेष बातचीत में कहा, “गंगोली शिवाला घाट पर हम लोग स्नान के लिए गए थे. वहां एक तो जल की कमी है, दूसरा जल काला और प्रदूषित है. सभी दंडी स्‍वामियों ने इस स्‍नान का बहिष्‍कार किया है. प्रदेश में योगी की सरकार है, लगता था कि चीजें बदलेंगी पर ऐसा नहीं है.”
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

'आस्था के साथ खिलवाड़ की इजाजत नहीं'

संन्‍यासियों ने सख्त लहजे में कहा, "मां गंगा हमारी आस्‍था है. आस्‍था के साथ खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती. इस बार प्रदेश में योगी की सरकार है, बड़ी उम्मीद थी कि गंगा की साफ-सफाई हुई होगी, लेकिन गंगा इतनी प्रदूषित है. काम से काम माघ मेले में तो गंगा में पानी छोड़ देते. योगी केवल मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि एक संत भी हैं, उनसे बेहतर कौन जानता है कि संतों को क्या चाहिए गंगा के अलावा?"

बचाव में दिखा प्रशासन

जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने दंडी स्वामियों की नाराजगी को गंभीरता से लेते हुए कहा कि व्यवस्था की जा रही है. नरौरा और टिहरी बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. इससे आगे आने वाले मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के पर्व तक संगम में पर्याप्त स्वच्‍छ पानी उपलब्ध हो जाएगा. इलाहाबाद में बगैर शोधन के गंगा में छोड़े जा रहे नालों को भी गंगा प्रदूषण ईकाई द्वारा टेप करने की कार्रवाई शुरू की गयी है ताकि स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके.

ये भी पढ़ें-गंगा में पूरी आस्था लेकिन इतने प्रदूषित जल में कैसे करें आचमन

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT