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गोवा और दमन के आर्कबिशप फादर फिलिप नेरी फेर्राओ ने कहा है कि संविधान खतरे में है और कई लोग असुरक्षा के माहौल में रह रहे हैं. ईसाई समुदाय को लिखे गए एक खत में उन्होंने कहा कि संविधान को ठीक से समझा जाना चाहिए, क्योंकि आम चुनाव करीब आ रहे हैं.आर्कबिशप ने यह भी कहा कि मानवाधिकारों पर हमले हो रहे हैं और लोकतंत्र खतरे में नजर आ रहा है.
फादर फेर्राओ ने 1 जून से पादरी वर्ष (पैस्टोरल ईयर) की शुरुआत के मौके पर जारी किये गए इस खत में गोवा और दमन के ईसाई समुदाय को संबोधित किया है. पादरी वर्ष 1 जून से 31 मई तक होता है.
चिट्ठी में आर्कबिशप ने लिखा-
चिट्ठी में आर्कबिशप ने ये भी लिखा कि अल्पसंख्यकों को अपनी सुरक्षा का खतरा सता रहा है और विकास के नाम पर लोगों को उनकी जगहों और घरों से हटाया जा रहा है. फिलीप ने लिखा, 'विकास की राह में गरीब व्यक्ति सबसे ज्यादा पीड़ित है. गरीबों को रौंदना गलत है क्योंकि उनके हक में आवाज उठाने वालों की संख्या काफी कम है.'
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खत के मामले पर विवाद बढ़ने के बाद गोवा आर्कबिशप के सचिव ने मामले पर सफाई देते हुए कहा, "हम हर साल पैस्टर लेटर जारी करते हैं, इस बार खत में किसी तरह 1-2 मुद्दे ऐसे शामिल हो गए, जो हमारे संदर्भ से बाहर के मुद्दे हैं. खत वेबसाइट पर है, आपको संदर्भ को समझने के लिए इसे पढ़ना होगा."
इस मामले पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह चुनावी साल है और इस तरह के खत स्वभाविक हैं. लेकिन इस तरह के खत से सरकार की उपलब्धियां नहीं छुपेगी. इस वक्त देश में माहौल बिल्कुल ठीक है और देश तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहा है. नकवी ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में सभी को अपनी बात कहने की आजादी है.
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