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गोवा: नाबालिग लड़कियों के रेप पर CM ने कहा- 'इतनी रात बाहर क्यों थे?', आलोचना

मुख्यमंत्री Pramod Sawant के बयान की जमकर आलोचना, लोगों ने कहा- लड़कियों को ही ठहराया जा रहा कसूरवार

क्विंट हिंदी
राज्य
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<div class="paragraphs"><p>नाबालिगों के रेप पर प्रमोद सावंत के बयान पर बवाल</p></div>
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नाबालिगों के रेप पर प्रमोद सावंत के बयान पर बवाल

(फोटो: Altered by Quint)

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गोवा (Goa) में दो नाबालिग लड़कियों के कथित गैंगरेप पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) के बयान की सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है. सावंत का बयान पीड़ितों को ही कसूरवार ठहराता नजर आता है. घटना के दो दिन बाद सांवत ने कहा कि पेरेंट्स को इस बारे में सोचना चाहिए कि उनके बच्चे इतनी देर रात बीच पर क्या कर रहे थे.

25 जुलाई को, गोवा के बेनॉलिम बीच पर चार लोगों ने दो नाबालिग लड़कियों का रेप किया था. पुलिस ने चार आरोपियों- 21 साल का आसिफ हतेली, 33 साल का राजेश मने, 31 साल का गजानंद चिनचंकर और 19 साल के नितिन याबल को गिरफ्तार किया है. द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों ने धमकी दी थी कि अगर उन्हें 65,000 रुपये नहीं दिए गए तो वो घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड करने देंगे.

आरोपियों पर आईपीसी, पॉक्सो एक्ट, और गोवा चिल्ड्रन एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

सावंत के बयान पर बवाल

28 जुलाई को, सदन में बहस के दौरान, गोवा के मुख्यमंत्री ने घटना पर कहा, "जब 14 साल के बच्चे पूरी रात बीच पर रहते हैं, तो माता-पिता को सोचने की जरूरत है. सिर्फ इसलिए कि बच्चे नहीं सुनते हैं, हम सरकार और पुलिस पर जिम्मेदारी नहीं डाल सकते."

"दो लड़के और दो लड़कियां, वो पूरी रात बीच पर थे. टीन्स, खासकर नाबालिगों को बीच पर रात नहीं बितानी चाहिए."
प्रमोद सावंत, मुख्यमंत्री, गोवा

सावंत ने आगे कहा, "हम सीधे तौर पर पुलिस को दोष देते हैं, लेकिन मैं ये बताना चाहता हूं कि जो 10 लोग पार्टी के लिए बीच पर गए, उनमें से चार पूरी रात वहीं रहे और बाकी छह घर चले गए."

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, गोवा कांग्रेस के प्रवक्ता अल्टोन डी'कोस्टा ने कहा, "रात में घूमते समय हमें क्यों डरना चाहिए? अपराधियों को जेल में होना चाहिए और कानून का पालन करने वाले नागरिकों को स्वतंत्र रूप से घूमना चाहिए."

गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विधायक विजय सरदेसाई ने मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयानों की आलोचना करते हुए उन्हें 'खराब' बताया. उन्होंने कहा, "नागरिकों की सुरक्षा पुलिस और राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. अगर वो हमें सुरक्षा नहीं दे सकते तो मुख्यमंत्री को पद पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है."

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सोशल मीडिया पर भी कड़ी आलोचना

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने मुख्यमंत्री के बयान की आलोचना की है. यूजर्स ने लिखा कि एक बार फिर अपराधियों की बजाय, महिलाओं को कसूरवार ठहराया जा रहा है और विक्टिम को शेम किया जा रहा है.

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25 जुलाई को क्या हुआ था?

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, चार लड़कियों और छह लड़कों का ग्रुप, जिसमें दो लड़कियां और एक लड़का नाबालिग थे, 24 जुलाई की रात करीब 11:30 बजे बेनॉलिम बीच पर गए थे. खराब मौसम के चलते, उनमें से कुछ वहां से जल्दी निकल गए. तीन लड़के और दो नाबालिग लड़कियां वहीं रुक गए.

घटना करीब साढ़े तीन बजे की है. रिपोर्ट के मुताबिक, चारों आरोपियों ने दो नाबालिग लड़कियों के पास आए और बाद में उनके साथ कथित तौर पर रेप किया. इसके बाद उन्होंने तीनों लड़कों की पिटाई की. इसके बाद उन्होंने सभी को घर जाने को कहा.

अगले दिन, उनमें से एक लड़के को आरोपी का फोन आया और उसने जुलाई के आखिर तक 40 हजार रुपये की फिरौती की मांग की और अगले महीने 25 हजार रुपये मांगे. इसके बाद, दोनों सर्वाइवर्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया.

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