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गुजरात (Gujarat) के मोरबी जिले में मच्छू नदी पर बना हैंगिंग ब्रिज (Morbi Bridge Collapse) रविवार को टूटकर गिर गया. इस हादसे में अब तक 134 लोगों की मौत हो गई है. वहीं कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. मोरबी की शान कहलाने वाला केबल ब्रिज 143 साल पुराना था. इस हादसे के बाद से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
मोरबी जिले में ये हादसा रविवार शाम 6.30 बजे हुआ है. संडे की छुट्टी होने की वजह से भारी संख्या में लोग ब्रिज पर घुमने आए थे. मच्छु नदी पर बना यह ब्रिज मोरबी का प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट था. 26 अक्टूबर को गुजराती नव वर्ष के मौके पर इसे आम लोगों के लिए फिर खोला गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के वक्त ब्रिज पर करीब 500 लोग मौजूद थे.
NBT अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिज की क्षमता 100 लोगों के वजन सहन करने भर की थी. इंडिया टूडे से बातचीत में मोरबी नगर पालिका के चीफ ऑफिसर संदीप सिंह झाला ने बताया कि एक बैच में सिर्फ 20 से 25 लोगों को जाने की अनुमति रहती है. हमेशा से ही ऐसा होता आ रहा है. लेकिन हादसे के वक्त बड़ी लापरवाही हुई और करीब 500 लोग ब्रिज पर जमा हो गए. यही कारण है कि पुल इतने लोगों का वजन नहीं सह पाया और टूटकर नदी में गिर पड़ा.
मोरबी ब्रिज दो साल से बंद था. रिपोर्ट्स के मुताबिक 2 करोड़ की लागत से इसकी मरम्मत का काम हुआ था. ब्रिज के मेंटेनेंस और संचालन की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है. इस ग्रुप ने ब्रिज के संचालन और रखरखाव के लिए मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मोरबी नगर पालिका के चीफ ऑफिसर संदीप सिंह झाला ने बताया,
मोरबी ब्रिज हादसे के लिए अब ओरेवा ग्रुप को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. क्योंकि पुल के मरम्मत और संचालन की जिम्मेदारी कंपनी के पास ही थी. वहीं कंपनी पर बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल खोलने का आरोप भी लग रहा है.
लेकिन यहां सवाल ये है कि जब पुल को बिन मंजूरी खोल दिया गया और चार पांच दिन गुजर भी गए तो नगरपालिका को क्यों नहीं दिखा कि शहर का एक मशहूर स्पॉट बिन परमिशन खोल दिया गया है. अब हादसा होने के बाद टोपी ट्रांसफर करना आसान नहीं है.
इस हादसे के बाद गुजरात सरकार एक्शन में है. ब्रिज का मैनेजमेंट करने वाली कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है. कंपनी पर 304, 308 और 114 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है. वहीं हादसे की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है.
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