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31 पैसा बकाया था, लेकिन बैंक ने किसान को NOC नहीं दी, कोर्ट ने SBI को फटकार लगाई

जज ने कहा, ‘अब बहुत हुआ, इतनी मामूली राशि को आधार बनाकर सर्टिफिकेट जारी न करना कुछ और नहीं, बल्कि उत्पीड़न है.

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<div class="paragraphs"><p>बैंक को अदालत ने लगाई फटकार</p></div>
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बैंक को अदालत ने लगाई फटकार

(फोटो: ट्विटर)

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बैंक में लंबी लाइन, लंच टाइम, अभी लिंक फेल है, मशीन खराब है... ये सब परेशानियां बैंक में आम आदमी आए दिन झेलता है, लेकिन गुजरात में बैंक ने उत्पीड़न का नया कीर्तिमान गढ़ा है. जहां नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे लोग बैंक का करोड़ों रुपए लेकर देश से फरार हो जाते हैं, वहीं गुजरात में एक किसान को बैंक ने 31 पैसे बकाया के नाम पर इतना परेशान किया कि उसे अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

दरअसल, गुजरात के अहमदाबाद में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की ब्रांच ने एक किसान को सिर्फ इसलिए नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NOC) देने से इनकार कर दिया, क्योंकि उस पर 31 पैसे बकाया था. अब इस मामले पर हाई कोर्ट ने बैंक को फटकार लगाई है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस करिया ने बैंक के वकील से हैरानी जताते हुए पूछा कि ‘31 पैसे का बकाया?

जस्टिस भार्गव कारिया ने नाराजगी जाहिए करते हुए कहा, ‘अब बहुत हुआ, इतनी मामूली राशि को आधार बनाकर सर्टिफिकेट जारी न करना कुछ और नहीं, बल्कि उत्पीड़न है.

जस्टिस करिया ने बैंक को इस मुद्दे पर एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा. अब इस मामले में आगे की सुनवाई 2 मई को होगी.

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क्या है पूरा मामला?

राकेश वर्मा और मनोज वर्मा नाम के व्यक्तियों ने अहमदाबाद के खोराज गांव में शामजीभाई पाशाभाई और उनके परिवार से एक जमीन खरीदी थी. पाशाभाई के परिवार ने कुछ साल पहले एसबीआई से फसल लोन लिया था. लोन चुकाने से पहले पाशाभाई के परिवार ने जमीन बेच दिया था. लेकिन बकाया रकम की वजह से बैंक ने जमीन पर चार्ज लगा दिया और इस वजह से जमीन के नए मालिकों का नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो सका. जिसके बाद जमीन खरीदने वाले किसान राकेश वर्मा और मनोज वर्मा ने सर्टिफिकेट पाने के लिए बकाया पैसा भरने का प्रस्ताव रखा. लेकिन बैंक से रास्ता नहीं निकला.

जिसके बाद साल 2020 में यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा. इसी दौरानकर्ज का भुगतान कर दिया गया. लेकिन इसके बावजूद बैंक ने नो ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं दिया, जिस वजह से जमीन खरीदारों को ट्रांसफर नहीं हो सकी.

अब इस मामले पर कोर्ट ने कहा कि जब एक बार लोन की अदायगी हो जाए तो वह बैंक को सर्टिफिकेट जारी करने के लिए निर्देश देगा. इसके जवाब में बैंक ने कोर्ट को बताया कि अभी 31 पैसा बकाया है. ये सूचना मिलते ही जज ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एक राष्ट्रीयकृत (नैशनलाइज्ड) बैंक होने के बावजूद एसबीआई लोगों का उत्पीड़न कर रहा है. जज ने कहा, 'एक नियम है कि 50 पैसे से कम कुछ भी काउंट नहीं होता है.'

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