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गुजरात में एक समाचार पोर्टल के संपादक के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कथित तौर पर अपने पोर्टल पर खबर चलाई थी कि बीजेपी आलाकमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की जगह पर केंद्रीय मंत्री मंसुख मंडाविया को मुख्यमंत्री बना सकता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुलिस ने 11 मई को यह जानकारी दी.
सोशल मीडिया पर इस मामले पर कई प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा है, ''किसी भी चीज के लिए राजद्रोह! कोई नियम कानून नहीं.''
इसके अलावा कई पत्रकारों ने भी धवल पटेल के खिलाफ हुई कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.
महेश लांगा ने लिखा है कि गुजरात में पत्रकार बीजेपी की आंतरिक राजनीति का शिकार बन रहे हैं.
निर्झरी सिन्हा ने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का एक ट्वीट शेयर करते हुए लिखा है, ''न तो स्वामी और ना ही धवल पटेल के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जा सकता है. मगर राजद्रोह कानून का दुरुपयोग बेकाबू हो गया है.''
पीटीआई के मुताबिक, सहायक पुलिस आयुक्त बीवी गोहिल ने बताया है कि कोरोना वायरस की वजह से पटेल को गिरफ्तार नहीं किया गया है, बल्कि हिरासत में लिया गया है और उन्हें कोरोना वायरस की जांच के लिए एसवीपी अस्पताल भेजा गया है.
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