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मंगलवार, 26 अक्टूबर की सुबह संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के पांच सदस्यों ने गुड़गांव (Gurgaon) के डिप्टी कमिश्नर से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा. मेमोरेंडम में सदस्यों द्वारा प्रशासन से सार्वजनिक स्थानों पर खुले में शुक्रवार की नमाज अदा करने पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया.
डिप्टी कमिश्नर के साथ बैठक के बाद, समूह के प्रतिनिधियों ने एक 'अल्टीमेटम' जारी करते हुए घोषणा करते हुए कहा कि वो किसी भी सार्वजनिक स्थान पर शुक्रवार की नमाज जारी नहीं रखने देंगे.
गुड़गांव के डीसी यश गर्ग ने कहा कि हिन्दू समूह से एक ज्ञापन प्राप्त हुआ है. हम मामले से अवगत हैं और इसे सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं. सभी मजिस्ट्रेट और अधिकारी अलर्ट पर हैं और हम ये सुनिश्चित करेंगे कि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे.
बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और छोटे संगठनों से जुड़े निवासी और कुछ लोग कई हफ्तों से शहर के विभिन्न स्थानों पर नमाज के दौरान नारे लगाने के लिए एकत्र होते रहे हैं. पिछले शुक्रवार को सेक्टर 12, चौक पर एक समूह ने नमाज को बाधित किया था, जहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया था.
मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए महावीर भारद्वाज ने कहा कि इसे आगे जारी नहीं रखा जा सकता. जो लोग नमाज पढ़ने आते हैं, तो वो सड़कों पर उपद्रव करते हैं, जिससे आने-जाने में बाधा डालते हैं और शांति भंग होती है. मस्जिदों, वक्फ बोर्ड की जमीन या घरों में नमाज अदा की जा सकती है.
16 अक्टूबर को, गुड़गांव में शिकायत निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि सभी को प्रार्थना करने का अधिकार है. किसी को भी दूसरों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए और न ही किसी की प्रार्थना में बाधा डालनी चाहिए.
बता दें कि पिछले दिनों गुड़गांव के सेक्टर 47 में भी तनावपूर्ण स्थिति देखने को मिली थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक जब शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ रहे थे, तो उसी दौरान पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में प्रदर्शनकारी नारे लगाते हुए देखे गए थे.
विरोध-प्रदर्शन को लीड कर रहे एडवोकेट कुलभूषण भारद्वाज ने क्विंट से बात करते हुए कहा था कि हम मुस्लिम समुदाय के खिलाफ प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. उनके द्वारा दावा किया गया कि सेक्टर-12 में जिस जगह पर नमाज पढ़ी जा रही थी वो प्राइवेट प्रॉपर्टी है.
भारद्वाज भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक पूर्व नेता हैं, जिन्होंने जामिया मिलिया के शूटर का केस लड़ा था.
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