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हिमाचल: युवती ने सुनाई पीड़ा, CM सुक्खू ने राज्य का नियम ही बदल दिया

Himachal Pradesh: सीएम सुक्खू ने बालिका आश्रम में रहने वाली लड़कियों की उम्र 26 साल से अब 27 साल कर दी.

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हिमाचल: युवती ने सुनाई पीड़ा, CM सुक्खू ने राज्य का नियम ही बदल दिया

(फोटो- स्क्रीनग्रैब/क्विंट हिंदी)  

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शिमला (Shimla) में बुधवार देर रात करीब 11 बजे एक युवती सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) से मिलने सचिवालय पहुंची. युवती की उम्र 27 साल है, वो निराश्रित हैं. रात के समय शिमला पहुंची ये बेटी ठंड से कंपाकंपा रही थी. इस पर सीएम ने पहले उसे शॉल ओढ़ाई और फिर टोपी पहनाई और फिर मौके पर ही समस्या का समाधान किया. साथ ही प्रदेश के लिए 15 घंटे में बड़ा फैसला लिया है.

युवती ने CM से क्या कहा ?

मुलाकात के दौरान निराश्रित युवती ने कंपकंपाती जुबान में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को बताया कि वो 27 साल की है. जबकी बालिका आश्रम में सिर्फ 26 साल की उम्र तक ही रहने की परमिशन है. लिहाजा अब उसके पास रहने के लिए कोई आसरा नहीं है. कड़कड़ाती ठंड में कांपती हुई युवती को पहले सीएम ने ओढ़ने के लिए शॉल दी और इसके अधिकारियों को मौके से फोन कर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए.

घटना के 15 घंटे बाद सरकार ने लिया बड़ा फैसला

बुधवार रात को घटी इस घटना के बाद गुरुवार शाम को प्रदेश सरकार ने युवती की समस्या से जुड़ी हुई बड़ी घोषणा की. 15 घंटे के अंदर लिए फैसले के मुताबिक, बालिका आश्रम में रहने वाली लड़कियों की उम्र 26 साल से अब 27 साल कर दी है.

निराश्रित बेटी के लिए सरकार बनाएगी घर

समस्या लेकर पहुंची युवती के सामने सुक्खू ने अधिकारियों को फोन कर आदेश दिए कि उसके लिए जमीन मुहैया करा कर एक साल के अंदर उसके लिए घर तैयार करवाया जाए. लिहाजा अब जब तक इस लड़की का घर तैयार नहीं हो जाता तो वो बालिका आश्रम में ही रहेगी. इसके अलावा इस युवती की तरह अगर कोई और भी है तो सरकार उनकी भी मदद करेगी.

सरकार ने बनाया है सुखाश्रय सहायता कोष

बता दें कि सरकार बनने के बाद अगले ही दिन सीएम सुक्खू ने अनाथ और निराश्रित बच्चों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए सुखाश्रय सहायता कोष खोलने की घोषणा की थी. जिसको लेकर सीएम सुक्खू ने कहा था कि जिन बच्चों के मां-बाप नहीं है उनके लिए सरकार ही सब कुछ है.

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