हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की कांग्रेस सरकार ने शुक्रवार को पहली कैबिनेट मीटिंग में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को बहाल कर दिया. ओपीएस हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान प्रमुख मुद्दा था. कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि सरकार बनने के बाद पेंशन योजना को बहाल किया जाएगा.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मामले का गहराई से अध्ययन किया गया है और वित्त विभाग के अधिकारियों ने ओपीएस (OPS) की बहाली के संबंध में आपत्ति व्यक्त की है, लेकिन इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है और वर्तमान में नई पेंशन योजना (NPS) के तहत आने वाले सभी कर्मचारियों को इसमें शामिल किया जाएगा.
कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आज से पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा और इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी.
हम महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह देने के अपने वादे को पूरा करेंगे. चंदर कुमार, धनी राम शांडिल, अनिरुद्ध सिंह और जगत नेगी सहित कैबिनेट मंत्रियों के साथ एक उप समिति का गठन किया गया है, जो रुपये के वितरण के लिए एक रोडमैप तैयार करेगी.सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश सचिवालय में गुरुवार को कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हम वोट के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल नहीं कर रहे हैं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा देने और प्रदेश के विकास का इतिहास लिखने वाले कर्मचारियों के स्वाभिमान की रक्षा के लिए कर रहे हैं.
न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत अपनी पेंशन में योगदान करते हैं, जबकि राज्य सरकार 14 प्रतिशत का योगदान करती है.
"कड़े फैसले लेने होंगे"
सीएम सुक्खू ने कहा कि कड़े फैसले लेने होंगे क्योंकि सरकार भारी कर्ज के तले नहीं चल सकती. हिमाचल प्रदेश सरकार ने बिना बजट के पिछली बीजेपी सरकार द्वारा खोले गए 900 से अधिक संस्थानों को गैर-अधिसूचित कर दिया क्योंकि उन्हें कार्यात्मक बनाने के लिए 5 हजार करोड़ रुपये की जरूरत थी.
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