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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर केंद्र से कोविड टीकाकरण अभियान की जिम्मेदारी लेने का अनुरोध करने के लिए कहा. अपनी चिट्ठी में रेड्डी ने कहा कि हालात अब “राज्य बनाम केंद्र” का मुद्दा बन गया है और अब “समय आ गया है कि सभी राज्य एक स्वर में बोलें.” रेड्डी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी है. अभी कुछ दिन पहले विजयन ने भी 11 राज्यों को वैक्सीनेशन के मुद्दे पर पत्र लिखा था.
3 मई को मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी में रेड्डी ने कहा कि राज्य द्वारा समर्थित एक सेंट्रलाइज्ड टीकाकरण अभियान भारत के लोगों के लिए अच्छे परिणाम लेकर आएगा.
दूसरे राज्यों की तरह, आंध्र प्रदेश सरकार ने भी वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर निकाले थे, लेकिन सरकार को वैक्सीन निर्माताओं से कोई जवाब नहीं मिला. इससे पहले पंजाब और दिल्ली ने भी सीधे वैक्सीन निर्माताओं से संपर्क किया था, लेकिन कंपनियों ने राज्यों को वैक्सीन देने से मना कर दिया था.
फार्मा कंपनी मॉडर्ना ने सीधे पंजाब सरकार को वैक्सीन देने से मना करते हुए कहा था कि उसकी पॉलिसी के मुताबिक, वे केवल केंद्र सरकार से डील करती है, न कि राज्य सरकार या प्राइवेट पार्टी से. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया था कि फाइजर और मॉडर्ना दोनों ने दिल्ली को वैक्सीन देने से इनकार कर दिया था. कंपनियों का कहना था कि वो केवल भारत सरकार से बात करेंगी.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कुछ दिन पहले कोरोना वैक्सीन की खरीद और मुफ्त वितरण को लेकर पश्चिम बंगाल, राजस्थान, दिल्ली समेत 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लेटर लिखा था. इस लेटर में विजयन ने राज्यों से अपील की थी कि वो कोरोना से लड़ने के लिए संयुक्त कोशिशों को आगे बढ़ाएं और केंद्र सरकार से जरूरी वैक्सीन की खरीद की मांग करें. साथ ही ये भी कहें कि वैक्सीनेशन फ्री में कराया जाना चाहिए.
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