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आंध्र प्रदेश में हाल ही में हुए शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव में पार्टी को मिली शानदार जीत को मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने लोगों की जीत बताया है. इन चुनाव में 12 निगमों में से 11 में युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) जीती है, जिसका श्रेय पार्टी प्रमुख और सीएम रेड्डी ने राज्य के लोगों को दिया है. 75 नगरपालिकाओं और 12 नगर निगमों के लिए चुनाव 10 मार्च को हुए थे.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के इस भरोसे के कारण अब उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है. उन्होंने वादा किया कि वो सभी के लिए और अच्छा काम करने की कोशिश करेंगे. साथ ही उन्होंने चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को भी बधाई दी.
इन चुनावों में 12 निगमों में से 11 में YSRCP ने जीत हासिल की है, जबकि एलुरु निगम के नतीजों का अब भी इंतजार है, क्योंकि हाईकोर्ट ने यहां की मतगणना रद्द कर दी थी. इसके अलावा पार्टी ने 75 में से 73 नगरपालिकाओं में भी जीत का परचम लहराया है. बाकी 2 सीटों माईडुकुरु और ताडिपत्री में तेलुगू देशम पार्टी (TDP) की जीत हुई है.
2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद, YSRCP लगातार राज्य में मजबूत बनी हुई है. शहरी निकाय चुनावों में YSRCP की जीत राज्य में ‘गुड गवर्नेंस’ के रूप में देखी जा रही है.
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रेड्डी सरकार ने मई 2019 से कल्याणकारी योजनाओं पर करीब 80,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इनमें एससी-एसटी समुदाय, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर खास ध्यान दिया गया है.
इन चुनावों में मुख्यमंत्री ने न तो प्रचार किया और न ही चुनावों को लेकर कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने पूरे तौर पर अपनी कल्याणकारी योजनाओं और गवर्नेंस पर भरोसा किया.
सत्तारूढ़ YSRCP को चुनाव में सबसे ज्यादा 52.63 प्रतिशत वोट मिला. TDP को 30.73 फीसदी वोट मिले. BJP को 2.41 प्रतिशत जबकि जन सेना पार्टी को 4.67 फीसदी वोट मिले.
2019 के आम चुनावों में TDP को 39.17 प्रतिशत वोट मिले थे. शहरी निकाय चुनावों में TDP को हुआ ये भारी नुकसान पार्टी के लिए बड़ा झटका है. सबसे बड़ा झटका TDP को विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा और गुंटूर जैसे इलाकों में लगा, जहां पार्टी की मजबूत पकड़ थी.
वोट शेयर में आई कमी दिखाती है कि शहरी वोटरों की पहली पसंद अब बदल रही है. सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही TDP के लिए ये अच्छी खबर नहीं है.
(IANS के इनपुट्स के साथ)
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