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उत्तर प्रदेश के कानपुर में अपराधियों के साथ हुए एनकाउंटर में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. अधिकारियों के मुताबिक, 2 और 3 जुलाई की दरम्यानी रात चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत बिकारू गांव में पुलिस की टीम अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही थी, उसी दौरान एनकाउंटर हो गया.
उन्होंने बताया कि रास्ता बाधित होने से पुलिस टीम जैसे ही रुकी, उसी दौरान अपराधियों ने एक बिल्डिंग की छत से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. डीजीपी ने बताया कि विकास दुबे कानपुर का शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है. दुबे के खिलाफ करीब 60 आपराधिक मामले चल रहे हैं.
समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है, ''कानपुर की दुखद घटना में पुलिस के 8 वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि! यूपी के आपराधिक जगत की इस सबसे शर्मनाक घटना में सत्ताधारियों और अपराधियों की मिलीभगत का खामियाजा कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है. अपराधियों को जिंदा पकड़कर वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ होना चाहिए.''
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा है, ''कानपुर में शातिर अपराधियों द्वारा एक भिड़ंत में डिप्टी एसपी सहित 8 पुलिसकर्मियों की मौत और 7 अन्य के आज तड़के घायल होने की घटना अति-दुःखद, शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण. स्पष्ट है कि यूपी सरकार को खासकर कानून-व्यवस्था के मामले में और भी अधिक चुस्त और दुरुस्त होने की जरूरत है.''
समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह 'देव' ने कहा है कि 'बदमाश ठोंके जाते रहेंगे' और 'सारे अपराधी यूपी छोड़कर भाग चुके हैं', के दावों के बीच हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने कानपुर में 8 पुलिस वालों को मार दिया.
इस मामले पर डीजीपी अवस्थी ने 3 जुलाई की सुबह बताया, ''हमारे लगभग 7आदमी घायल हो गए, ऑपरेशन अभी भी जारी है क्योंकि अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे.''
इसके साथ ही उन्होंने अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने और तत्काल मौके की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.
इस मामले पर कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया है, ''बीती रात के एनकाउंटर के बाद तलाशी अभियान के दौरान दो पुलिसकर्मी घायल हो गए और दो अपराधी मारे गए. अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाशी जारी है''
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