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हत्या-रासुका केस में नाम से लेकर 'चमत्कारी' करौली सरकार तक- बाबा बनने की कहानी

Karauli Sarkar Baba पर FIR हुई है, युवक की सेवादारों से पिटाई करवाने का आरोप लगा है

विवेक मिश्रा
राज्य
Published:
<div class="paragraphs"><p>Karauli Sarkar&nbsp;</p></div>
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Karauli Sarkar 

(फोटो- Altered By Quint Hindi)

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कानपुर (Kanpur) में करौली सरकार (Karauli Sarkar) बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया आजकल विवादों में हैं. उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ है. अपने चमत्कार के दम पर लोगों के दुख दूर करने और उनका इलाज करने का दावा करने वाले करौली सरकार उर्फ संतोष सिंह भदौरिया पर नोएडा निवासी सिद्धार्थ चौधरी ने केस दर्ज कराया है. सिद्धार्थ का आरोप है कि बाबा और उनके सेवादारों ने उनकी पिटाई की है.

आइए जानते हैं कि बड़ी से बड़ी बीमारी के इलाज का दावा करने वाले करौली सरकार आश्रम के बाबा संतोष सिंह भदौरिया कौन हैं?

कौन हैं करौली बाबा?

करौली सरकार आश्रम के बाबा संतोष सिंह भदौरिया कानपुर के रहने वाले हैं. संतोष सिंह भदौरिया 2003 में शिवसेना पार्टी से जुड़े थे, लेकिन बाद में किसान यूनियन के सदस्य बन गए. 2010 तक किसान यूनियन से जुड़े रहने के बाद कई तरह की थैरेपी सीखने के लिए केरल का रुख किया.

उन्होंने केरल से थैरेपी सीखने के बाद डॉक्टर के तौर पर कानपुर के सिविल लाइंस स्थित अपने घर में ही क्लीनिक खोली. वे क्लीनिक में आयुर्वेदिक लेप के जरिए एंजाइटी, सर्वाइकल और बैकपेन से जुड़ी बीमारियों के इलाज का दावा करने लगे. 2012 में करौली में अपने बेटों लव-कुश के नाम पर आश्रम खोला और 14 एकड़ में फैले आश्रम को किसी छोटे-मोटे शहर की तरह विकसित किया. बाबा ने पहले थोड़ी जमीन ली और बाद में जमीन आश्रम का विस्तार करते चले गए.

'बाबा' किन चमत्कारों का दावा करते हैं?

संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली सरकार के मुताबिक वह शिव की शक्ति और तंत्र से लोगों का इलाज करते हैं. लोगों को ईश्वरी इलाज कर पूरी तरीके से ठीक करते हैं. कोई भी साध्य रोग हो या असाध्य रोग हर रोग का उनके पास इलाज है.

करौली सरकार आश्रम का है रेट कार्ड

बीमारी का इलाज कराने और बाबा से मिलने वालों की भीड़ सुबह 8 बजे से लगने लगती है. मुलाकात के लिए उन्हें 5100 रुपए का टोकन लेना पड़ता है. आश्रम में माइक लगा है. लोग बारी-बारी आते हैं और अपनी समस्या बताते हैं. आश्रम में दो मंदिर बनाए गए हैं पहला मंदिर करौली सरकार राधा रमण मिश्र का है और दूसरा मंदिर कामाख्या माता का. अब यहां के लोग इन्हें करौली बाबा के नाम से जानते हैं.

अभी किस विवाद में फंसे है बाबा?

संतोष सिंह भदौरिया पर नोएडा निवासी सिद्धार्थ चौधरी ने केस दर्ज कराया है. डॉ. सिद्धार्थ का कहना है कि सोशल मीडिया पर करौली गांव के बारे में काफी देखने-सुनने के बाद वे पिता, मां और पत्नी के साथ 22 फरवरी को आश्रम पहुंचें. आश्रम में एंट्री लेने के लिए 2600 रुपए की रसीद कटवाई. बाबा ने उनर फूंक मारी और कहा “ओम शिव बैलेंस.” सिद्धार्थ ने आरोप लगाया है कि

"मुझ पर इसका कोई असर नहीं हुआ तो मैंने सवाल उठाया. इस पर बाबा नाराज हो गए और कहा भाग जाओ यहां से. इसके बाद पूरी फैमिली को समर्थकों से उठवा लिया. बांधकर लोहे की रॉड से पिटाई की और आश्रम से बाहर भेज दिया."

मामले में करौली बाबा ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि षड्यंत्र के तहत उनके खिलाफ मुकदमा लिखवाया गया है. ऐसी कोई घटना आश्रम में हुई ही नहीं है. मुकदमा लिखवाने वाला शख्स उल्टा उन्हें ही उकसा रहा था. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के साथ-साथ दरबार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उनका दावा है कि 23 साल से दरबार लग रहा है एक भी शिकायत स्थानीय थाने में नहीं की गई.

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पहले भी कई आपराधिक मामले पहले दर्ज, NSA की कार्यवाही भी हो चुकी है

बाबा के ऊपर चर्च की जमीन हड़पने का आरोप लग चुका है. साल 1992 से 95 के बीच उनके ऊपर हत्या, 7 सीएलए समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हुए थे. 1994 में उनके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की कार्रवाई भी की गई थी. इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश सिंह के आदेश पर एनएसए की कार्रवाई भी हुई थी.

1992 से 1995 के बीच दर्ज हुए मामलों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि राजनीति के चलते मेरे ऊपर समाजवादी पार्टी सरकार में एफआईआर दर्ज की गई है. उनका दावा है कि गंभीर धाराओं में तमाम मुकदमे लगाए गए जो राजनीतिक हैं. NSA की कार्रवाई भी उस दौरान की गई थी जिसे बाद में सरकार को वापस लेना पड़ा.

उन्होंने कहा कि मैं उस वक्त किसान यूनियन की राजनीति करता था जिसके चलते हैं SP सरकार ने टारगेट करके मुकदमें लिखे गए.

चमत्कार के दावों पर क्या कहते हैं बाबा?

दरबार में होने वाले चमत्कारों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि जो मैं दरबार में कर रहा हूं वह नया नहीं है. बचपन से ही सीखा है पहले मैं आयुर्वेदिक चिकित्सा करता था तब भी इलाज कराने वालों की भीड़ उमड़ती थी.

"हमारे आश्रम में पितृ मुक्ति की पूजा कराई जाती है और लोगों की बुरी और नेगेटिव स्मृतियां दूर की जाती हैं. भूत-प्रेत मनगढ़ंत नाटक है. जिन्हें लोग भूत-प्रेत आना कहते हैं, वैसे रोगी मेरे सामने आते हैं एक बार में ही उनका रोग खत्म हो जाता है. जहां लोग 40-40 साल से बालाजी सरकार के चक्कर लगा रहे हैं, यहां पर तथाकथित भूत-प्रेत बाधा 1 दिन में दूर हो जाती है."

वकील ने बाबा संतोष सिंह भदौरिया को खुला चैलेंज दिया है

कानपुर के जूही में रहने वाले वकील अनिरुद्ध जायसवाल ने करौली सरकार के बाबा संतोष सिंह भदौरिया को खुला चैलेंज दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो अपलोड करते हुए कहा है कि आप दावा करते हो कि आपके दरबार में सभी रोगों का इलाज होता है. मैं आपके दावे से पूरी तरह असहमत हूं, मेरे बेटा को बोलने और सुनने में दिक्कत है. इसकी स्पीच थैरिपी चल रही है. इसके सुनने की शक्ति का इलाज चल रहा है. इसी के साथ की मेरी जुड़वा बेटी है, जिसकी आंखों में भेंगापन का रोग है. मैं करौली सरकार के संतोष सिंह भदौरिया से पूछना चाहता हूं कि मैं आपके दरबार में कब आ जाऊं. मैं बाबा को खुला चैलेंज देता हूं कि दोनों बच्चों को ठीक कर दें तो मेरे नाम पर जितनी भी संपत्ति है आपको दान कर दूंगा.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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