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उडुपी (Udupi) गवर्नमेंट पीयू कॉलेज (PU College) फॉर गर्ल्स की तीन मुस्लिम छात्रओं को सोमवार 28 फरवरी को क्लास में हिजाब (Hijab) पहनने की वजह से साइंस प्रैक्टिकल में शामिल होने से रोक दिया गया था. छात्रों में एएच अल्मास भी थी जो याचिकाकर्ताओं में से एक हैं जिन्होंने कॉलेज में हिजाब पहनने की अनुमति के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
10 फरवरी को एक अंतरिम आदेश में अदालत ने उन परिसरों में हिजाब और अन्य धार्मिक कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया, जहां कॉलेज विकास समिति (सीडीसी) द्वारा यूनिफॉर्म निर्धारित की जाती है.
छात्रों ने आरोप लगाया कि सोमवार को उन्हें "पांच मिनट" में परिसर छोड़ने के लिए कहा गया था. ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, अल्मास ने कहा, "प्रिंसिपल ने हमसे कहा कि अगर हम पांच मिनट में नहीं गए तो वह पुलिस को फोन करेंगे. यह बहुत क्रूर था."
उन्होंने आरोप लगाया कि छात्रों को संबंधित फैकल्टी से सत्यापन के लिए अपनी प्रैक्टिकल रिकॉर्ड बुक जमा करने की अनुमति नहीं थी. "शिक्षकों ने रिकॉर्ड बुक पर साइन करने से इनकार कर दिया."
पिछले सप्ताह आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में छात्राओं ने राज्य सरकार से साइंस की प्रैक्टिकल परीक्षाओं को स्थगित करने का अनुरोध किया था क्योंकि हिजाब पहनने वाली छात्राओं को कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं है.
दिसंबर 2021 में उडुपी कॉलेज में हिजाब को लेकर विरोध शुरू हुआ था.
हालांकि हिजाब विवाद को उन हिंदू छात्रों के जोरदार विरोध का सामना करना पड़ा जिन्हें हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों का समर्थन प्राप्त था. पूरे कर्नाटक के विभिन्न कॉलेजों में हिंदू छात्रों ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए भगवा शॉल पहनना शुरू कर दिया.
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