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Q लखनऊ : AMU के VC की चिट्ठी लीक, गाय की मौत पर हुआ मुकदमा दर्ज

Q लखनऊ में पढ़ें उत्तर प्रदेश की तमाम बड़ी खबरें

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Q लखनऊ में पढ़ें उत्तर प्रदेश की तमाम बड़ी खबरें
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Q लखनऊ में पढ़ें उत्तर प्रदेश की तमाम बड़ी खबरें
(फोटोः Altered By Quint)

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AMU के कुलपति की चिट्ठी लीक, खतरे की आशंका

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के वाइस चांसलर प्रोफेसर तारिक मंसूर ने निष्कासित छात्रों से खतरे की आशंका जाहिर की है. इसलिए उन्होंने यूपी सरकार से सुरक्षा मांगी है. एएमयू के सूत्रों के मुताबिक, वीसी ने योगी सरकार को लेटर लिखकर सुरक्षा देने की मांग की है.

सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि वीसी ने सरकार को गोपनीय लेटर लिखा था लेकिन ये मीडिया में लीक हो चुका है. वीसी ने ये लेटर 6 जनवरी को यूनिवर्सिटी खुलने से पहले ही गृह विभाग और पुलिस महानिदेश को लिखा था.

सूत्रों के मुताबिक हालांकि यह चिट्ठी गोपनीय थी लेकिन यह मीडिया में लीक हो गई है. इस बीच, कुलपति ने स्पष्ट किया है कि अगर विश्वविद्यालय के छात्र किसी कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उन्हें चिंता उन तत्वों को लेकर है जो छात्रों के बीच पहुंचकर गड़बड़ी करके शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसक बनाते हैं.

एनडीटीवी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक एएमयू के प्रवक्ता शाफे किदवई ने कहा कि कुलपति का इशारा बाहरी तत्वों की तरफ है, न कि छात्रों की तरफ, जिन्हें वह अपने बच्चे मानते हैं.

CAA को लेकर भ्रम दूर करने के लिए अभियान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर व्याप्त भ्रम दूर करने के लिए जगह-जगह पर्चे बांटने का अभियान शुरू किया गया है.

“राज्य सरकार ने CAA को लेकर लोगों में व्याप्त सभी भ्रम और शंकाएं दूर करने के लिए अभियान शुरू किया है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर चलाए जा रहे इस अभियान के तहत सीएए के बारे में विस्तृत जानकारी वाले पर्चे जगह-जगह लोगों को बांटे जा रहे हैं.”
शलभ मणि त्रिपाठी,मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार 

त्रिपाठी ने बताया कि पर्चों के जरिए लोगों को यह बताया जा रहा है कि CAA नागरिकता लेने का नहीं बल्कि देने का कानून है और इससे हिंदू-मुसलमान या किसी भी धर्म के लोगों की नागरिकता को कोई खतरा नहीं है.

गाय की मौत : नगर पालिका के अधिकारी और JE पर मुकदमा दर्ज

मुजफ्फरनगर में नवनिर्मित गोशाला में कथित तौर पर ठंड की वजह से एक गाय की मौत के बाद मुजफ्फरनगर नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी और भोकरहेड़ी नगर पंचायत के एक जूनियर इंजीनियर पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने का मामला दर्ज हुआ है.

अधिकारियों ने बताया कि सरकारी गोशाला में शनिवार को गाय की मौत के बाद कार्यकारी अधिकारी वी एम त्रिपाठी और जूनियर इंजीनियर मूलचंद पर मामला दर्ज हुआ है. उन्होंने बताया कि यह मामला न्यू मंडी पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है.

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UP में क्राइम रेट बढ़ा, पुलिस बोली अधिक जनसंख्या है कारण

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की वार्षिक रिपोर्ट ने उत्तर प्रदेश में अपराध की भयावह तस्वीर उजागर की है. यह रिपोर्ट गुरुवार को जारी की गई. इसमें दावा किया गया कि हर दो घंटे में दुष्कर्म का एक मामला दर्ज किया जाता है, जबकि उप्र में हर 90 मिनट में एक बच्चे के खिलाफ अपराध की सूचना दी जाती है.

एनसीआरबी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2018 में बलात्कार के 4,322 मामले दर्ज किए गए थे. राज्य में महिलाओं के खिलाफ 59,445 अपराध दर्ज किए गए हैं, जिनमें रोजाना 62 मामले सामने आए हैं. यह 2017 में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जब कुल 56,011 अपराध दर्ज किए गए थे.

  • राज्य में महिलाओं के खिलाफ 59,445 अपराध दर्ज किए गए हैं
  • महिलाओं के खिलाफ अपराध में 19 शहरों में लखनऊ शीर्ष पर रहा. यहां 2019 में महिलाओं के खिलाफ 2,736 मामले दर्ज किए गए.
  • इसी तरह से बच्चों के खिलाफ 19,936 मामले रिपोर्ट किए गए. इस तरह से राज्य में 55 मामले प्रतिदिन रिपोर्ट हुए.

हालांकि प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अपराध के आंकड़ों को राज्य की आबादी के संदर्भ में देखा जाना चाहिए. उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक लोग रहते हैं और इसी कारण से अपराध के आंकड़े स्वाभाविक रूप से अन्य राज्यों की तुलना में अधिक होंगे.

UP में लागू होगा 'एक सड़क, एक पेड़' सिद्धांत

वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने एक सड़क एक पेड़ के सिद्धांत का पालन करने का निर्णय लिया है. इस परियोजना के तहत एक रोड मे एक ही प्रकार के पेड़ लगाए जाएंगे, जिससे पेड़ों की देखभाल और सम्पूर्ण विकास मे सहूलियत होगी.

“ शहरी विकास विभाग वृक्षारोपण कर उनकी देखभाल करेगा, वहीं योजना की जिम्मेदारी वन विभाग पर है, जिसमें उसे वृक्षों की प्रजाति तय करना, उन्हें नर्सरी में उगाने और उन्हें शहरी विकास विभाग को सुपुर्द करना होगा. ”
प्रभाकर दुबे,अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (समाजिक वनीकरण)

उन्होंने कहा कि इसकी योजना बनाई जा रही है, लेकिन यह इस साल मॉनसून से लागू कर दी जाएगी. एक सड़क एक पेड़ सिद्धांत कई शहरों में उपयोग किया गया है, जिसमें एक सड़क या गली में किसी फूल वाली प्रजाति के पेड़ों को रोपा जाता है. इसके बाद उसके पत्ते या फूल से क्षेत्र की पहचान की जाती है.

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