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मध्यप्रदेश के देपालपुर के कांकवा गांव में गुरुवार, 16 मार्च को हुई मारपीट में घायल मंडलाकला के एक दलित व्यक्ति की शुक्रवार दोपहर मौत हो गई. जिससे मृतक के परिजन और गांववाले आक्रोशित हैं.
घटना में फरियादी पक्ष के 9 लोग घायल हुए. घायलों में 7 को गंभीर हालत में इंदौर रेफर किया गया, जिनमें से 60 वर्षीय मायाराम की शुक्रवार को मौत हो गई.
बता दें कि दोपहर करीब 12:30 बजे पवन पिता मांगीलाल, उसकी पत्नी नन्नीबाई, बेटे जितेंद्र, धर्मेंद्र, नागूसिंह, बाबू पिता मांगीलाल, उसकी पत्नी धनीबाई, बेटा तूफान और बहू रेखाबाई पति तूफान आए और सरिये और डंडे से मारपीट शुरू कर दी. मारपीट में मायाराम, शांतिलाल, मेहरबान, संगीताबाई, संजूबाई, रेशमबाई, हुकुमलाल, सुरेश, मायाबाई घायल हो गए. सुरेश ने फोन लगाकर 108 एम्बुलेंस बुलवाई और घायलों को देपालपुर पहुंचाया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद 7 घायलों को इंदौर रेफर कर दिया गया. वहीं मारपीट में मायाराम को सिर, दोनों पैर, दोनों हाथों पर गंभीर चोटें आई थी जिसके वजह से उपचार के दौरान शुक्रवार की दोपहर मौत हो गई.
गौतमपुरा में पट्टे की 2 बीघा जमीन पर कब्जे को लेकर हुए विवाद के बाद शुक्रवार रात एमवाय अस्पताल में दलित समाज के लोगों ने जमकर हंगामा किया.
हालांकि एमवाय में हंगामे के बाद मौके पर पहुंचे अफसर ने पीड़ित परिवार को सहायता राशि देने की बात कही है.
जानकारी के अनुसार, ग्राम कांकवा की जमीन को लेकर 1961 से विवाद चल रहा है. फरियादी पक्ष को 2002 में इन जमीनों के पट्टे बांटे थे. बाद में पट्टाधारी और कब्जाधारी के बीच विवाद हुआ और मामला कोर्ट तक पहुंचा. कोर्ट ने पट्टेधारियों के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट के आदेश पर 22 फरवरी, 2023 को पट्टेधारियों को कब्जा दिलाया गया. कब्जा लेते वक्त फसल खड़ी थी. इसी फसल को काटने पट्टेधारी पहुंचे और मारपीट शुरू हो गई.
दरअसल, पूरा मामला शासन द्वारा आवंटित पट्टों पर कब्जे का है.आरोपी बाबूसिंह, पवनसिंह, तूफान, गोकुल, नागूसिंह, जितेंद्र, गनीबाई, रेखाबाई, नन्नीबाई के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट, मारपीट, जानलेवा हमले के 7 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. एक घायल की मौत के बाद हत्या की धारा भी बढ़ाई जाएगी. वहीं घटना के बाद आरोपी गांव से फरार हो गए हैं. जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के मकान तोड़ने का निर्णय लिया है. देर रात तक कार्रवाई शुरू हो गई.
(इनपुट- अंकित परमार)
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