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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना में पुलिसकर्मी की हत्या के बाद आरोपियों के एनकाउंटर (Guna Encounter) पर सवाल उठ रहे हैं. पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शहजाद की पत्नी ने कहा कि "मेरे पति शिकार में शामिल नहीं थे. वह 13 मई की रात को घर पर थे, परिवार में एक शादी थी, हम नाच-गा रहे थे. क्या पुलिस ने मेरे पति को अवैध शिकार करते देखा?"
गौरतलब है 13-14 मई की रात को पुलिस को आरोन वन क्षेत्र में काले हिरण (Blackbuck) के शिकार की सूचना मिली थी. जिसपर कार्रवाई करने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर शिकारियों ने फायरिंग कर दी थी. इस गोलीबारी में एक SI समेत 3 पुलिसकर्मी मारे गए थे. वहीं एक शिकारी की भी मौत हुई थी. जिसकी बाद में पहचान नौशाद खान के रूप में हुई थी.
इस घटना के बाद पुलिस ने पहले आरोपी नौशाद खान और फिर उसके बाद उसके भाई और मुख्य आरोपी शहजाद खान को एनकाउंटर में मार गिराया. वहीं पुलिस ने जिया खान और सोनू को गिरफ्तार किया. जानकारी के मुताबिक पुलिस हिरासत से भागने के दौरान इनके पैर में गोली लगी है. मामले में गुना जिला प्रशासन ने अवैध कब्जे का हवाला देते हुए आरोपियों के घरों को ध्वस्त कर दिया है.
एनकाउंटर में मारे गए शहजाद की पत्नी ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि,
जानकारी के मुताबिक जब पुलिस शहजाद को पकड़ने के लिए बिधोरिया गांव पहुंची तो शहजाद ने भागने की कोशिश की. इस दौरान उसने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी. जिसके बाद जवाबी फायरिंग में उसे मार गिराया गया.
पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के लिए नौशाद के सबसे बड़े भाई सहराज और उनके पिता निसार खान को भी हिरासत में लिया है.
वहीं जब इस मामले में द क्विंट ने राघोगढ़ पुलिस स्टेशन के प्रभारी अवंत शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा, “मुझे उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है.”
शर्मा ने आगे कहा कि आरोन थाना प्रभारी इस बारे में बात सकते हैं क्योंकि काला हिरण शिकार और तीन पुलिस अधिकारियों की मौत का मामला आरोन थाने में दर्ज किया गया था.
अवैध शिकार मामले में गुना जिला प्रशासन ने अवैध कब्जा का हवाला देते हुए आरोपियों के घरों को ध्वस्त कर दिया है. वहीं आरोपियों के परिजनों का कहना है कि उनके घरों को गलत तरीके से तोड़ा गया है. इसके साथ उन्होंने कार्रवाई के दौरान पुलिस पर मारपीट का भी आरोप लगाया है.
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