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MP में 'भारत जोड़ो यात्रा' से पहले कांग्रेस में टूट की चर्चा में कितना दम?

Madhya Pradesh Politics: मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा से पहले ऑपरेशन लोटस की चर्चा हो रही है.

विष्णुकांत तिवारी
राज्य
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<div class="paragraphs"><p>'कमलनाथ जब जब बोलते हैं तब तब कांग्रेस टूटती है', ऐसा क्यों बोले नरोत्तम मिश्रा?</p></div>
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'कमलनाथ जब जब बोलते हैं तब तब कांग्रेस टूटती है', ऐसा क्यों बोले नरोत्तम मिश्रा?

(फोटो: क्विंट)

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दिन जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे ही एक बार फिर ऑपरेशन लोटस-2 (Operation Lotus 2) की चर्चा गरमा रही हैं. 15 साल बाद 2018 में सत्ता में आई कांग्रेस मात्र 15 महीने में बिखर गई, और जो पतझड़ चालू हुआ कि रुकने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन कोई न कोई बीजेपी नेता ऑपरेशन लोटस की अगली चाल को लेकर कानाफूसी करते रहते हैं.

मध्यप्रदेश के किस्सों में इस बार बात करते हैं, कांग्रेस और बीजेपी विधायकों के जोड़ने तोड़ने पर जारी बयानबाजी और कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर हो रही राजनीति की.

अब हाल ही में सियासी गलियारों में फिर एक बार कांग्रेस तोड़ो नीति की चर्चाएं होने लगी हैं. और इनको सत्यापित कर देता है कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का बयान. उन्होंने कहा कि

"बीजेपी के कई नेता जिनको टिकट मिलने की संभावना नहीं है वो भी हमारे संपर्क में हैं, लेकिन हम अपने संगठन को तवज्जो देंगे."

सूत्रों की मानें तो बीजेपी भारत जोड़ो यात्रा के प्रभाव को दबाने और प्रदेश में कांग्रेस की छवि को धूमिल करने के लिए विधायकों के जोड़-तोड़ में लगी हुई है.

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश के मालवा निमाड़ छेत्र से होकर गुजरेगी और लगभग 65 सीटों पर इसका सीधा असर पड़ने की संभावना है. ऐसे में बीजेपी भी मालवा निमाड़ से सूत्रों के अनुसार 6 विधायकों के संपर्क में है, तो वहीं महाकौशल और बुंदेलखंड से 2-2 और ग्वालियर चंबल से 1 विधायक पर निशाना साधे हुए है.

माना जा रहा है की आंतरिक कलह, नेताओं की बात न सुने जाने से परेशान लोग पाला बदलकर बीजेपी में जा सकते हैं. लेकिन कांग्रेस सूत्रों की मानें तो अगर कोई पाला बदलता भी है तो सिर्फ मंत्री पद और पैसा ही उसका आधार होगा.

वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बीते दिनों चुटकी लेते हुए कहा था कि विधायकों से संपर्क की बातों की शुरुआत कमलनाथ करते हैं और फिर कांग्रेस टूट जाती है.

"कमलनाथ जी जब जब बोलते हैं, तब तब कांग्रेस टूटती है. बोलते वो हमेशा हैं कि बीजेपी के विधायक उनके संपर्क में हैं. सबसे पहली बार बोला था तो उनकी सरकार चली गई थी. फिर राष्ट्रपति के वोटिंग के दौरान कहा था तब 17 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी थी."

वहीं शिवराज के करीबी और इस वक्त मंत्रिमंडल में इकलौते उनके खेमे के मंत्री और खुरई से विधायक भूपेंद्र सिंह ने लोटस 2 की तैयारियों से इंकार किया है लेकिन वो कहते हैं कि,

"कई कांग्रेस के नेता कांग्रेस छोड़ने के लिए संपर्क कर रहे हैं और इसी कारण कांग्रेस भयभीत है और बाड़ेबंदी करने में लगी हुई है. भारतीय जनता पार्टी कोई ऑपरेशन नहीं चला रही है, लेकिन अगर कोई स्वेच्छा से बीजेपी ज्वाइन करना चाहता है तो पार्टी उस पर विचार करेगी."

भारत जोड़ो यात्रा में भी कांग्रेसियों का बुरा हाल

बाकी प्रदेशों का नहीं पता, लेकिन मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की पदयात्रा और उससे जुड़ी तैयारियों से भी कई नेता हाथ खींचते हुए दिखे हैं. निमाड़ इलाके में पैठ रखने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव की जिम्मेदारी बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को दे दी गई है.

यात्रा की तैयारियों और अन्य खबरों के बीच ये घटना दब सी गई है, लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो फंडिंग को लेकर समीकरण न बैठ पाने के कारण अरुण यादव ने खुद ही इस जिम्मेदारी से हाथ खड़े कर लिए हैं.

प्रदेश की राजनीति OBC वर्ग के ऊपर भी काफी आधारित रहती है, ऐसे में ओबीसी के बड़े चेहरे अरुण यादव को इस तरह दरकिनार करने का कारण समझ से परे है. पार्टी के ही लोगों की बातचीत से निकल कर आता है कि यात्रा से ज्यादा लोग फोटो खिंचाने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए जा रहे हैं.

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