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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के डिंडोरी जिले (Dindori) में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत युवतियों के स्वास्थ्य परीक्षण के नाम पर प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने का मामला सामने आया है. दरअसल, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया था. वहीं इस समारोह के लिए कई लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन 219 जोड़ों को ही इसका लाभ मिल पाया.
बता दें कि राज्य के आदिवासी बहुल जिले डिंडोरी में बीते दिन मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया था, इस समारोह में 219 युवतियों को इसका लाभ मिल पाया, जबकि कुछ युवतियों ने आरोप लगाया है कि, उनका समारोह से पहले प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया गया और रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनका नाम इस लिस्ट से काट दिया गया.
इस बात को लेकर जब बजाग जनपद क्षेत्र के बीएमओ गोपाल मरावी से बात की गई तो उन्होंने दलील दी है कि इसमें सिकिलसेल टेस्ट का है, जिसमें आने वाले संतान को काफी तकलीफ झेलना पड़ता है, इस वजह से वर और वधु दोनों का सिकिल सेल की जांच होना चाहिए. साथ ही बहुत सी कन्याएं और वर-वधु प्रेम प्रसंग में रहते है और उस दरमियान अगर प्रेग्नेंसी हो जाता है तो बाद में विवाद का कारण बन सकता है. इस वजह से दोनों पक्षों को सलाह दी जाती है कि अगर इससे सहमत हैं तो पात्रता और शुभकामना के साथ शादी करायी जाएगी.
वहीं, इस मामले को लेकर डिंडोरी विधायक ओंकार सिंह मरकाम ने आपत्ति उठाते हुए है कहा कि-
बता दें कि बीते दिनों मध्यप्रदेश के आदिवासी जिला डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था. यह आयोजन बजाग और करंजिया जनपद क्षेत्र के मध्य ग्राम गाड़ासरई में आयोजित किया गया था. वहीं इस आयोजन में बजाग और करंजिया ब्लॉक के रहने वाले 219 जोड़ों को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ मिला. जबकि कुछ युवतियों ने आरोप लगाया है कि उनका समारोह से पहले स्वास्थ्य परीक्षण के नाम पर प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया गया और रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उनका नाम लिस्ट से काट दिया गया है.
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