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देश का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर हिंसा (Manipur violence) की आग में झुलस रहा है. प्रदेश के 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. इसके साथ ही राज्यपाल ने हिंसाग्रस्त इलाकों में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के फैसले को मंजूरी दे दी है. वहीं प्रदेश में सेना के साथ असम राइफल्स को तैनात किया गया है.
मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट है. गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दो बैठकें की. पहली बैठक उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री और वहां के आला अधिकारियों के साथ की. इसके अलावा शाह ने मणिपुर के पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ भी मीटिंग की है.
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार मणिपुर की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है. आसपास के राज्यों से भी अर्धसैनिक बल जुटाए जा रहे हैं.
इसके साथ ही प्रदेश में संविधान का आर्टिक 355 लागू कर दिया गया है, जो केंद्र सरकार को राज्य की कानून-व्यवस्था को संभालने और उसे सुनिश्चित करने का अधिकार देता है.
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और सीआरपीएफ के पूर्व प्रमुख कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार ने सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है.
मणिपुर के राज्यपाल ने हिंसाग्रस्त इलाकों में दंगाइयों को देखते ही गोली मार देने के राज्य सरकार के फैसले को मंजूरी दे दी है. इससे पहले हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दी गई थी. राज्य में अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है.
मणिपुर में हिंसा के मद्देनजर सेना के साथ असम राइफल्स की कई कंपनियों को तैनात किया गया है. जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स के कुल 55 कॉलम तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही 14 कॉलम को स्टैंडबाई पर रखा गया है.
सेना ने मणिपुर के लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है. सेना की ओर से एक ट्वीट में कहा गया, "निहित स्वार्थों के लिए कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा फर्जी वीडियो शेयर किया जा रहा है. भारतीय सेना की अपील है कि विश्वस्त स्रोतों से आने वाली जानकारी पर ही भरोसा करें."
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने दो समुदायों के बीच झड़प के बाद गुरुवार को राज्य में शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में दो समुदायों के बीच हिंसा गलतफहमी के कारण हो रही है.
भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी. मैरी कॉम ने ट्विटर पर लिखा, "मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है. कृपया मदद कीजिए."
मणिपुर में हिंसा के बाद लोगों ने पड़ोसी राज्यों में शरण ली है. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने ट्वीट किया, "मणिपुर में हाल की घटनाओं से प्रभावित कई परिवारों ने असम में शरण ली है. मैंने इन परिवारों की देख रेख के लिए कछार के जिला प्रशासन को निर्देश दिया है. मैं सीएम एन बीरेन सिंह के साथ भी लगातार संपर्क में हूं और संकट की इस घड़ी में असम सरकार मणिपुर के साथ है."
मणिपुर पिछले तीन दिनों से हिंसा की आग में झुलस रहा है. बुधवार, 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने की मांग के खिलाफ आदिवासी एकजुटता मार्च (Tribal Solidarity March) का आयोजन किया था, जिसके तुरंत बाद चुराचांदपुर जिले और आसपास के इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी.
बता दें कि हाल ही में मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को एसटी दर्जे की मांग पर चार हफ्ते के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहा था. इसी को लेकर मार्च का आयोजन किया गया था.
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