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तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमले का फर्जी वीडियो बनाने के आरोपी यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इस मामले में बिहार पुलिस के एडीजी जेएस गंगवार ने कहा कि मनीष कश्यप से अभी EOU को और पूछताछ करनी है इसलिए कोर्ट से उसे रिमांड पर देने की मांग की गई है.
क्या तमिलनाडु पुलिस मनीष कश्यप को अपने साथ लेकर जाएगी? इस पर गंगवार ने कहा, "नहीं. हम लोगों ने ट्रांजिट रिमांड का आवेदन दिया, अब कोर्ट जो भी आदेश देगा, उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की कार्रवाई जारी है.
सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनल पर तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ मारपीट और हिंसा से संबंधित भ्रामक फोटो और वीडियो शेयर किया गया.
वायरल तस्वीर और वीडियो से गलत संदेश जा रहा है और जनता में डर का माहौल बन रहा है.
पोस्ट के जरिए तमिलनाडु से लौट रहे मजदूरों को उकसाने का प्रयास किया गया.
सोशल मीडिया पर षड्यंत्र के तहत सब कुछ वायरल किया गया.
कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश.
अमन कुमार, प्रयास न्यूज के संचालक राकेश तिवारी, ट्विटर यूजर युवराज सिंह, "सच तक" न्यूज के मनीष कश्यप के साथ अन्य 26 लोगों पर आरोप लगाया गया है.
दो राज्यों में दो भाषा बोलने वाले लोगों के बीच साजिश के तहत दुश्मनी फैलाने की कोशिश की गई.
मनीष कश्यप की गिरफ्तारी के विरोध में पूर्वी चंपारण के सुगौली और बेतिया में प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दिया और मनीष कश्यप के समर्थन में नारे लगाये.
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