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मध्य प्रदेश के मुरैना में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 21 पहुंच गई है. मुख्यमंत्री ने मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए जिला कलेक्टर और मुरैना के एसपी को हटा दिया गया है. वहीं, आबकारी अधिकारी और थाना प्रभारी सहित चार लोगों को निलंबित किया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में बुधवार को एक हाई-लेवल बैठक भी की, जिसमें कई अधिकारी शामिल हुए.
11 जनवरी की रात, मुरैना जिले के दो गांव में शराब पीने से लोगों की तबियत बिगड़ने का सिलसिला शुरू हुआ. मंगलवार शाम तक 14 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी, जो बुधवार को बढ़कर 20 पहुंच गई.
मृतकों में पहावली गांव के 3 लोग, मानपुर गांव के 14 लोग और थाना सिविल लाईन क्षेत्र के 3 लोग बताए जा रहे हैं. करीब 12 से ज्यादा बीमार लोगों का अभी मुरैना और ग्वालियर के अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
मामले में शराब बेचने वाले 7 आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें से दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, वहीं पांच की तलाश जारी है.
इस मामले में आबकारी अधिकारी और थाना प्रभारी सहित चार लोगों को निलंबित किया गया है. जौरा एसडीओपी सुजीत भदौरिया पर भी गाज गिरी है. उन्हें भी निलंबित कर दिया गया है.
2012 बैच के आईएएस बक्की कार्तिकेयन को मुरैना का नया कलेक्टर बनाया गया है. कार्तिकेयन को डिंडौरी जिला से मुरैना के लिए तैनात किया गया है. मुरैना पुलिस अधीक्षक के पद पर सुनील पाण्डेय तैनात किया गया है. 2009 बैच के आईपीएस सुनील पाण्डेय विशेष सशस्त्र बल की 25वीं वाहिनी में कमांडेंट थे.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुरैना में जहरीली शराब दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. सीएम ने जांच के निर्देश देते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति दोषी होंगे, उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी.
वहीं, राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “मुरैना में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों की घटना बेहद दुखद और पीड़ादायक है. सीएम ने स्पष्ट किया था कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. एसपी, कलेक्टर और एसडीओपी को तत्काल निलंबित कर दिया गया. स्थानीय डिस्टलरी की भी जांच की जाएगी.”
(मुरैना से उपेंद्र गौतम के इनपुट के साथ)
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