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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत (Naresh Tikait) को कांग्रेस नेता जगबीर सिंह हत्याकांड में बाइज्जत बरी कर दिया है. करीब 20 साल चले इस मुकदमे में दो अन्य आरोपी साल 2009-10 में मर चुके हैं.
90 पन्नों के जजमेंट में गैंगस्टर कोर्ट के न्यायाधीश अशोक कुमार ने बीएसपी सरकार में मंत्री रहे मृतक जगबीर सिंह के बेटे योगराज सिंह और यशपाल सिंह की गवाही को संदिग्ध माना है. जज ने तत्कालीन एसएसपी नवनीत सिकेरा की गवाही को आधार बनाते हुए नरेश टिकैत को बरी कर दिया.
साल 2003 में भौंराकलां थाना इलाके के अलावलपुर गांव में कांग्रेस नेता एवं राष्ट्रीय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगबीर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में प्रवीण और राजीव समेत चौधरी नरेश टिकैत को आरोपी बनाया गया था.
पूर्व बीएसपी मंत्री योगराज सिंह ने इस जांच को कोर्ट में चलैंज किया और ये मुकदमा अदालत में कुल 19 साल 10 महीने और 11 दिनों तक चला. केस की सुनवाई एडीजे कोर्ट संख्या 5 विशेष गैंगस्टर कोर्ट के न्यायाधीश अशोक कुमार ने की. 12 जुलाई को फैसला सुरक्षित कर लिया गया था और सोमवार, 17 जुलाई को अदालत ने नरेश टिकैत को बाइज्जत बरी कर दिया.
अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए बीकेयू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत कहते हैं कि, "उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. देर जरूर हो सकती है, लेकिन सच्चाई तो सच्चाई ही होती है."
उन्होंने ये भी कहा कि, "हमने कुछ नहीं किया है, बावजूद हमने बहुत कुछ झेला है. हमे काफी नुकसान भी हुआ." न्याय व्यवस्था पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि, 'न्याय व्यवस्था बहुत मजबूत है. निदोर्ष को छोड़ना चाहिए और जो दोषी है, उसे सजा देनी चाहिए'
नरेश टिकैत ने ये भी कहा कि हमने अपने जीवन में ऐसा कोई काम नहीं किया है. लेकिन जो वक्त अदालत के चक्कर काटने में खराब हुआ, उस वक्त को हम समाज सेवा में लगा सकते थे. नरेश टिकैत ने अंत में ये भी कहा कि हमे किसी के बारे में कुछ नहीं कहना है. सब अपने ही हैं.
चौधरी नरेश टिकैत के वकील अनिल जिंदल ने जानकारी देते हुए बताया कि 20 साल बाद फैसला आया है. चौधरी नरेश टिकैत को बाइज्जत बरी कर दिया गया है. उन्होंने आगे बताया कि 6 सितंबर 2003 को कांग्रेस नेता एवं राष्ट्रीय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगबीर सिंह की हत्या हुई थी.
इस मामले में चौधरी नरेश टिकैत, प्रवीण और राजीव को आरोपी बनाया गया था. पुलिस और सीबीसीआई ने अपनी जांच में दोनों को निर्दोष पाया और फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. लेकिन जगबीर सिंह के बेटे योगराज सिंह द्वारा कोर्ट में आपत्ति दर्ज करा दी थी, जिसके बाद कोर्ट ने चौधरी नरेश टिकैत को तलब किया था.
इस मामले में प्रवीण और राजीव की साल 2009-10 में अस्वाभाविक मौत हो चुकी है. इस मामले में मुजफ्फरनगर के तत्कालीन एसएसपी नवनीत सिकेरा को बतौर साक्षी पेश किया गया था.
(इनपुट- अमित सैनी)
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