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भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे देश के टॉप पहलवानों अपने मेडल्स को गंगा नदी में बहाने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे. लेकिन भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बालियान खाप के प्रधान,चौधरी नरेश टिकैत हरिद्वार पहुंचे और उन्होंने पहलवानों को समझाया कि अभी मेडल्स को गंगा नदी में न बहाएं. उन्होंने पहलवानों से मेडल लिए और पांच दिन का समय मांगा है.
किसान नेता नरेश टिकैत के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शनकारी पहलवान हरिद्वार से रवाना हो गए.
बता दें कि पहलवान पुलिस और सरकार के रवैये से नाखुश होकर पहलवानों ने मंगलवार, 30 मई को शाम 6 बजे अपने मेडल गंगा में बहाने का ऐलान किया था. पहलवानों के ऐलान करने के कुछ घंटों बाद हरिद्वार पुलिस ने कहा कि वह पहलवानों को ऐसा करने से नहीं रोकेगी.
ट्विटर पर साझा किए गए समान बयानों में पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट ने कहा कि पहलवान हरिद्वार जाएंगे और शाम 6 बजे अपने पदक गंगा में विसर्जित करेंगे.
उन्होंने कहा है कि ये पदक हमारे जीवन, हमारी आत्मा हैं. आज उन्हें गंगा में विसर्जित करने के बाद जीने का कोई कारण नहीं रहेगा. इसलिए हम उसके बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन शुरू करेंगे.
बीकेयू (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि आज एक ट्वीट के जरिए मुझे पता चला कि हमारे पहलवान हताशा में (हरिद्वार में) गंगा में अपने पदक विसर्जित करने जा रहे हैं.
टिकैत ने आंदोलन कर रहे पहलवानों से पदकों को पवित्र नदी में प्रवाहित करने के बारे में नहीं सोचने की गुजारिश करते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो पदक भारत की राष्ट्रपति को वापस कर दिए जाएंगे.
उन्होंने स्थानीय नागरिक, पुलिस और खुफिया अधिकारियों से पहलवानों से संपर्क करने और उन्हें मना करने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि पहलवानों की लड़ाई अकेले उनकी नहीं बल्कि पूरे देश की है.
गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें आज पहलवानों के हरिद्वार आने की सूचना नहीं दी थी. लाखों तीर्थयात्री आज हरिद्वार में हैं. हम गंगा सप्तमी अनुष्ठानों के प्रबंधन और प्रदर्शन पर विचार कर रहे हैं. हरिद्वार के राधे कृष्ण आश्रम के सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि
तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति के संयोजक संजय चोपड़ा ने कहा कि पहलवानों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करना चाहिए. चोपड़ा ने कहा कि पहलवानों को "अपने विरोध को मीडिया का ध्यान आकर्षित करने वाली घटना में बदलने के बजाय" पुलिस जांच पूरी होने और आगे की कानूनी कार्रवाई का इंतजार करना चाहिए.
Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि पहलवान कुछ भी करने के लिए आजाद हैं. अगर वे अपने पदक पवित्र गंगा में विसर्जित करने आ रहे हैं तो हम उन्हें नहीं रोकेंगे. न ही मुझे अपने वरिष्ठ अधिकारियों से ऐसा कोई निर्देश मिला है.
देश के टॉप पहलवान 23 अप्रैल से प्रदर्शन कर रहे हैं और नाबालिग सहित खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. रविवार को, पुलिस ने उनमें से कई को हिरासत में ले लिया क्योंकि वे नए संसद भवन की ओर मार्च करने लगे थे. पुलिस ने विरोध स्थल पर लगे टेंटों को भी जबरन तोड़ दिया और पहलवानों के विरोध के आयोजकों पर दंगा करने और गैरकानूनी सभा करने के आरोप में उन पर केस दर्ज कर लिया.
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