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नागरिकता कानून को लेकर देश भर मे हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच एक बार फिर प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया है की बिहार में एनपीआर लागू नहीं होगा.
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस कार्य समिति के बैठक में नागरिकता कानून और एनआरसी के बहिष्कार के फैसले का स्वागत करते हुए आश्वासन दिया कि बिहार में एनपीआर लागू नहीं होगा.
प्रशांत के इस ट्वीट ने नीतीश कुमार की मुश्किल भी बढ़ा दी है क्योंकि अगर वह एनपीआर लागू नहीं करते हैं तो बीजेपी नाराज हो जाएगी और लागू करेंगे तो उस बयान का क्या जिसमे उन्होंने कहा था कि बिहार मे NRC लागू नहीं होगा .
बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद को लिखे गए पत्र के माध्यम से रविवार को अंदरुनी कलह सामने आ गया. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की कार्यशैली पर सवाल उठाते रहे रघुवंश ने पार्टी प्रमुख को 9 जनवरी को लिखे पत्र में कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ 250-300 दिन का ही समय बचा है, लेकिन अभी तक पार्टी की बूथ स्तरीय, पंचायत, प्रखंड, जिला, राज्य और राष्ट्रीय समिति का भी गठन नहीं हुआ है.
उन्होंने पत्र की एक प्रति बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और राजद के अगले प्रमुख के रुप में देखे जा रहे तेजस्वी यादव और जगदानंद को भी भेजी है. उन्होंने कहा है कि ‘संगठन के बिना संघर्ष और संघर्ष के बिना संगठन' मजबूत नहीं होता. रघुवंश ने आगे लिखा है कि देश और प्रदेश की जो परिस्थिति है उससे स्पष्ट है कि सिवाय लड़ाई के दूसरा रास्ता नहीं बचा. राजद के सामने चुनौतियां जबरदस्त हैं लेकिन पार्टी में इसको लेकर विमर्श तक नहीं हो रहा.
जनता दल यूनाइडेड के उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले प्रशांत किशोर ने कांग्रेस की तारीफ कर एक बार फिर बीजेपी की दुखती रग पर उंगली रख दी है. प्रशांत ने नागरिकता कानून का विरोध करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व की तारीफ की है.
प्रशांत किशोर ने रविवार को ट्वीट किया कि वह कांग्रेस नेतृत्व को सीएए और एनआरसी का विरोध करने के लिए धन्यवाद देते हैं. खासकर विशेष पहल के लिए प्रियंका गांधी को विशेष धन्यवाद देते हैं. ट्वीट में उन्होंने बिहार के लोगों को आश्वासन दिया कि राज्य में सीएए और एनआरसी लागू नहीं किए जाएंगे.
प्रशांत के इस बयान पर बीजेपी ने कहा -
पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी पार्टी सीएए के खिलाफ नहीं, एनआरसी के खिलाफ है. फिर भी प्रशांत किशोर का यह बयान मायने रखता है.
प्रशांत का बयान इस कारण भी खास माना जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 16 जनवरी को नागरिकता कानून पर अभियान चलाने खुद बिहार जाने वाले हैं. इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता बिहार में सीएए और एनआरसी के पक्ष में सभाएं कर रहे हैं.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड में जांच एजेंसी पर सवाल उठाते हुए विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि नीतीश कुमार और उनके बीजेपी के मंत्रियों को बचाने के लिए CBI कहानी पलट रही है.
तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट मे कहा -
“मुजफ्फरपुर में सरकारी संरक्षण में 34 बच्चियों के साथ सत्ताधारी सफेदपोशों द्वारा वर्षों तक सामूहिक बलात्कार की घटना उजागर होने पर पूरे देश में हाहाकार मचा था. देश की रूह कांप उठी थी उस पर अब CBI द्वारा CM और मंत्रिमंडल में शामिल उनके परम शिष्यों को बचाने की कोशिशें हो रही है. “
तेजस्वी ने आगे कहा, “कोर्ट ने कहा CBI जांच अधिकारी का ट्रांसफर ना करें. CBI ने ठेंगा दिखाते हुए किया. मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय मुद्दा है. कैसे अनाथ लड़कियों के साथ सत्ता संपोषित व संरक्षित सामूहिक दुष्कर्म किया जाता रहा और CM उसे लगातार फंड करते रहे? उसके घर जाते रहे?
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