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बिहार (Bihar) में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के छुट्टियों में कटौती वाले आदेश को निरस्त कर दिया गया है. राज्य के उच्चतर और माध्यमिक स्कूलों में छुट्टियां को लेकर 29 अगस्त को अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने एक आदेश जारी किया था, जिसे नीतीश सरकार ने रद्द कर दिया है.
केके पाठक ने सरकारी स्कूलों में छुट्टियों में कटौती का आदेश दिया था, जिसके बाद से शिक्षक नाराज चल रहे थे. शिक्षक दिवस के एक दिन पूर्व छुट्टी कटौती के आदेश को रद्द कर नीतीश सरकार ने शिक्षकों को बड़ा तोहफा दिया है.
माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से इसे लेकर पत्र जारी किया गया है. नए आदेश के तहत प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक तक की छुट्टी में जो कटौती की गयी थी, उसे निरस्त कर दिया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से 12 छुट्टी की कटौती की गयी थी, जिसे अब रद्द कर दिया गया है.
बिहार शिक्षक संघ ने 5 सितंबर से सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया था. इसे लेकर 4 सितंबर को यूथ हॉस्टल में कई घंटे तक बैठक हुई थी. जिसमें 15 शिक्षक संघों ने हिस्सा लिया था.
इन्होंने छुट्टियां रद्द करने का विरोध करने का फैसला लिया था. लेकिन इससे एक दिन पहले सरकारी स्कूलों में छुट्टियों में कटौती के आदेश को निरस्त कर दिया गया है. शिक्षक दिवस के एक दिन पहले सरकार के इस फैसले पर शिक्षकों ने खुशी जाहिर की है.
शिक्षा विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि त्योहारों में विद्यालयों के बंद होने की प्रक्रिया में एकरूपता नहीं है. किसी त्योहार में किसी जिले में विद्यालय चल रहे होते हैं और उसी त्योहार में अन्य जिलों में विद्यालय बंद रहते हैं. ऐसी भ्रम की स्थिति को दूर करते हुए विभाग ने ये फैसला लिया है.
शिक्षा विभाग के इस फैसले के बाद सियासत भी शुरू हो गई थी. भारतीय जनता पार्टी के नेता बिहार सरकार पर हमलावर हो गए थे. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा था कि, "शिक्षा विभाग बिहार सरकार द्वारा दुर्गा पूजा दिवाली और छठ पूजा की छुट्टी रद्द कर दी गई है. कल संभव है कि बिहार में 'शरिया' लागू कर दिया जाए और हिंदू त्यौहार मनाने पर रोक लगा दी जाए."
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने भी शिक्षा विभाग के इस फैसले पर शिक्षा विभाग सहित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था.
(इनपुट- तनवीर आलम)
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