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सिंगर अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार दिये जाने पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी ऐतराज जताया है. मायावती ने सरकार से सवाल पूछा है कि अगर बीजेपी अदनान सामी को नागरिकता और पद्मश्री से सम्मानित कर सकती है, तो वो पाकिस्तानी मुसलमानों को वहां के हिंदू, सिख, ईसाई की तरह क्यों नहीं पनाह दे सकती है.
हालांकि इस बारे में अदनान का कहना है कि, मेरे पिता 1965 की लड़ाई में पाकिस्तान के एक फाइटर पायलट थे. उन्होंने अपने देश के लिए अपनी ड्यूटी निभाई. उनको देशभक्ति के लिए सम्मानित भी किया गया. कौन सी दुनिया में ऐसा दस्तुर है कि एक बेटे पर आप इल्जाम लगाते हो उसके बाप के कामों के ऊपर.
26 जनवरी के मौके पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान हुआ. जिसमें पाकिस्तानी सिंगर अदनान सामी जिन्हें अब भारतीय नागरिकता मिल चुकी है, उन्हें भी पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने का ऐलान हुआ. लेकिन इसके कुछ ही घंटों बाद सामी को ये पुरस्कार दिए जाने को लेकर बवाल शुरू हो गया. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि "पाकिस्तान से आने वाला कोई भी व्यक्ति जय मोदी बोलेगा तो उसे भारत की नागरिकता के साथ-साथ पद्मश्री पुरस्कार भी दिया जाएगा. ये देशवासियों का अपमान है." वहीं कांग्रेस ने भी इस पर सवाल खड़े किए थे. कांग्रेस ने बीजेपी की चमचागिरी करार दिया था.
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