पद्मश्री सम्मान के लिए अदनान सामी के नाम की घोषणा होते ही विवाद शुरू हो गया. विपक्ष लगातार अदनान को अवॉर्ड दिए जाने पर विरोध जता रहा है. कई लोगों का ऐसा मानना है कि अदनान को ये अवॉर्ड बीजेपी का गुणगान करने की वजह से मिला है. तो कई लोगों का कहना है कि जिस आदमी के पिता ने भारत के खिलाफ युद्ध लड़ा हो उसके बेटे को सम्मान कैसे मिल सकता है? अब इस मामले में अदनान का बयान सामने आया है.
अदनान का कहना है कि, मेरे पिता 1965 की लड़ाई में पाकिस्तान के एक फाइटर पायलट थे. उन्होंने अपने देश के लिए अपनी ड्यूटी निभाई. उनको देशभक्ति के लिए सम्मानित भी किया गया. कौन सी दुनिया में ऐसा दस्तुर है कि एक बेटे पर आप इल्जाम लगाते हो उसके बाप के कामों के ऊपर.
आगे अदनान ने कहा कि, मैंने बाबा को बोला-मैं भारत की नागरिकता लेना चाहता हूं इस बारे में आपकी क्या राय है? तुम जहां सुरक्षित महसूस करते हो वहां रहो. इंडिया ने तुम्हें बहुत इज्जत और प्यार से अपनाया है. तुम्हारा फर्ज बनता है कि तुम ईमानदारी और एकता के साथ उनके साथ जुड़ कर रहो.
बीजेपी का गुणगान वाले सवाल पर अदनान ने जवाब देते हुए कहा कि अगर कोई भी सरकार अच्छा काम करती है तो मैं उसकी प्रशंसा करता हूं और अगर कोई पार्टी अच्छा काम नहीं करती तो उसकी आलोचना करता हूं. उन्होंने कहा कि
मैं एक कलाकार हूं और राजनीति से मेरा ज्यादा वास्ता नहीं है. मुझे इस अवॉर्ड के मिलने का पॉलिटिक्स से कोई लेना देना नहीं है, ये आपको आपकी फील्ड में अच्छे काम के लिए दिया जाता है. सबसे अहम बात ये है कि मुझे ये अवॉर्ड आर्ट के लिए दिया जा रहा है. आर्ट और पॉलिटिक्स का कोई वास्ता नहीं है.
क्या था विवाद?
26 जनवरी के मौके पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान हुआ. जिसमें पाकिस्तानी सिंगर अदनान सामी जिन्हें अब भारतीय नागरिकता मिल चुकी है, उन्हें भी पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने का ऐलान हुआ. लेकिन इसके कुछ ही घंटों बाद सामी को ये पुरस्कार दिए जाने को लेकर बवाल शुरू हो गया. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि "पाकिस्तान से आने वाला कोई भी व्यक्ति जय मोदी बोलेगा तो उसे भारत की नागरिकता के साथ-साथ पद्मश्री पुरस्कार भी दिया जाएगा. ये देशवासियों का अपमान है." वहीं कांग्रेस ने भी इस पर सवाल खड़े किए थे. कांग्रेस ने बीजेपी की चमचागिरी करार दिया था.
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