Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पलामू हिंसा की साजिश किसने रची? घाव भरने में वक्त लगेगा- ग्राउंड रिपोर्ट

पलामू हिंसा की साजिश किसने रची? घाव भरने में वक्त लगेगा- ग्राउंड रिपोर्ट

क्विंट हिंदी ने पलामू की यह ग्राउंड रियलिटी जानने की कोशिश की कि पलामू के हालात किस हद तक सुधर पाएं हैं.

क्विंट हिंदी
राज्य
Published:
<div class="paragraphs"><p>झारखंड के पलामू में हिंसा के बाद अब कैसे हैं वहां के हालात ?- ग्राउंड रिपोर्ट </p></div>
i

झारखंड के पलामू में हिंसा के बाद अब कैसे हैं वहां के हालात ?- ग्राउंड रिपोर्ट

(फोटोः क्विंट हिंदी)

advertisement

झारखंड में (Jharkhand) पलामू के पांकी (Panki Violence) में 15 फरवरी को दो समुदाय के बीच जमकर पत्थरबाजी और आगजनी हुई. ये विवाद महाशिवरात्रि के तोरण द्वार को लेकर हुआ. इसके बाद प्रशासन ने पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी. इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया. अब हफ्ते भर बाद पलामू के पांकी में जनजीवन सामान्य हो रहा है.

लेकिन जो जख्म इस शहर को लगे हैं, उन्हें भरने में वक्त लगेगा. पांकी बाजार के दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. हिंदू-मुसलमान सबको नुकसान हुआ है. अब सब अमन की कामना कर रहे हैं.

क्विंट हिंदी ने पलामू की यह ग्राउंड रियलिटी जानने की कोशिश की कि पलामू के हालात किस हद तक सुधर पाएं हैं. पलामू में बाजार खुलने लगे है धीरे धीरे बाजार की रौनक भी लौटने लगी है. वहां के स्थानीय दुकनदारों का मानना है कि जल्द ही हालात और बेहतर होने की उम्मीद है. इस ग्राउंड रिपोर्ट में क्विंट हिंदी ने पांकी की प्रमुख पार्टियों (Jharkhand Muktri Morcha यानी JMM, BJP, Congress) के नेताओं से भी बात की. सब अलग-अलग बात कर रहे हैं लेकिन एक बात सब में सामान्य है-हिंसा के पीछे राजनीति है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंहा कहते हैं कि तोरण द्वार को लेकर राजनीती से प्रेरित लोगों द्वारा आपसी भाईचारे को तोड़ने का प्रयास किया गया लेकिन पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से वह इसमें कामयाब नहीं हो पाए.

वहीं बीजेपी नेता लालू सूरज कहते हैं कि मुस्लिम समुदाय के कुछ आपराधिक मानसिकता वाले लोगों ने तोरण द्वार लगाने को रोका टोका किया, द्वार को तोड़ दिया गया, मंदिर कमिटी के लोगों पर पत्थरबाजी की गई. जिसके फलस्वरूप दोनों पक्षों में जमकर पत्थरबाजी हुई और हिंसा भड़क गई. उनका भी मानना है कि पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से हिंसा रुक गई.

लेकिन कांग्रेस का मानना है कि बीजेपी ने ही दोनों समुदायों को आपस में लड़ाने का काम किया. कांग्रेस नेता रूद्र शुक्ल कहते हैं कि हमने देखा बीजेपी के विधायक और अन्य नेताओं ने तुष्टिकरण की राजनीती की और दोनों समुदायों को लड़ाने का काम किया.

आरोप प्रत्यारोपों के बीच पलामू में सबकुछ वापिस समान्य हो रहा है. लेकिन इन सब के बीच अब यह पलामू के लोगों को ही तय करना है कि वह राजीनीति के इस 'अपवित्र यज्ञ' में अमन चैन की आहुति देंगे या राजनीती से ऊपर भाईचारे को कायम रखेंगे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT