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Qपटना:नीतीश के मंत्री का ‘ज्ञान’,राज्यपाल ने पर्यावरण पर किया सचेत

पढ़िए बिहार की बड़ी खबरें Q पटना में

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पढ़िए बिहार की बड़ी खबरें Q पटना में
(फोटोः Altered By Quint)

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नीतीश के मंत्री ने कहा '1985 में लागू हुआ संविधान', वीडियो वायरल

बिहार की मंत्री बीमा भारती का रविवार से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रही हैं कि देश का संविधान 1985 में लागू हुआ था. वीडियो में मंत्री को संविधान 1985 में लागू होना और थोड़ा-सा अटकने के बाद उसमें सुधार करते हुए वह देश में 1955 में संविधान लागू होने की बात कह रही हैं. कहा जा रहा है कि यह वीडियो समस्तीपुर का है, जहां पटेल मैदान में मंत्री ध्वाजारोहन के बाद लोगों को संबोधित कर रही थीं. बीमा भारती बिहार सरकार में गन्ना मंत्री हैं और वह समस्तीपुर जिले की प्रभारी मंत्री भी हैं.

वायरल वीडियो में बीमा भारती गणतंत्र दिवस के बारे में कह रही हैं, “हमारा संविधान 1985 में लागू हुआ था. वर्ष 1955 में संविधान लागू हुआ था, इसी मौके पर हमलोग गणतंत्र दिवस मनाते हैं.”

मंत्री बीमा भारती वीडियो में आगे कह रही हैं कि "संविधान को लागू करने में बापू की अहम भूमिका रही. उनको हमलोग श्रद्धापूर्वक याद करते हैं. संविधान को बनाने में डॉ राजेंद्र प्रसाद और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का अहम योगदान है. आज हम लोग उनके बताए रास्ते पर चलने का प्रयास कर रहे हैं." बीमा भारती पूर्णियां जिले के रुपौली विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू की विधायक हैं.
देश का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था. इसी के उपलक्ष्य में देश में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है.

पटना में राज्यपाल ने फहराया तिरंगा, जलवायु परिवर्तन पर किया सचेत

बिहार में 71वां गणतंत्र दिवस रविवार को पूरे प्रदेश में बड़े धूम-धाम से मनाया गया. इस मौके पर राज्य के राज्यपाल फागू चौहान ने पटना में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. मुख्य समारोह पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित किया गया था. राज्यपाल और सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गणतंत्र दिवस पर राज्य और देश के लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी. गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी सहित राज्य मंत्रिपरिषद के कई सदस्य एवं राज्य के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे.
अपने संबोधन में राज्यपाल ने लोगों को जलवायु परिवर्तन से होने वाले हानिकारक प्रभावों के प्रति सचेत किया. उन्होंने कहा कि बिहार ने 'जल-जीवन-हरियाली' अभियान के तहत इन चुनौतियों से निपटने की शुरुआत कर दी है.

(फोटो : IANS)
राज्यपाल ने कहा कि पहले पर्यावरण संतुलित था, लेकिन आबादी बढ़ने के साथ विज्ञान और तकनीक का भी विकास हुआ, जिसका प्रभाव पर्यावरण पर भी देखने को मिल रहा है. इसका प्रभाव जलवायु परिवर्तन पर भी देखने को मिलने लगा है. राज्यपाल ने कहा कि आज कहीं असमय वर्षा हो रही है, तो कहीं सूखा और अकाल की स्थिति हो जाती है.

उन्होंने बिहार में चलाए जा रहे 'जल जीवन हरियाली' अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें भूजल स्तर बनाए रखने के लिए भी काम किए जा रहे हैं. इसके तहत 19 जनवरी को 18 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी मानव श्रंखला बनाई गई, जिसमें पांच करोड़ से ज्यादा लोगों ने भाग लेकर इस अभियान का समर्थन किया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास पर भी गणतंत्र दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया और बच्चों के बीच जलेबियां बांटी. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने भी विधानसभा परिसर में राष्ट्रध्वज फहराया.

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बिहार के पद्म पुरस्कार विजेताओं को नीतीश ने दी शुभकामनाएं

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के पद्म पुरस्कार विजेताओं को शुभकामनाएं दी. इसके अलावा सीएम ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, जॉर्ज फर्नांडिस और गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को मरणोपरांत पद्मविभूषण दिए जाने पर खुशी जाहिर की. शनिवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिए जाने वाले पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया. इसके तहत 7 लोगों को पद्म विभूषण, 16 लोगों को पद्म भूषण और 118 लोगों को पद्मश्री पुरस्कार दिए गए. जॉर्ज फर्नांडिस, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और विश्वेशातीर्थ को मरणोपरांत और सर अनिरुद्ध जुगनाथ, एमसी मैरी कॉम, छन्नूलाल मिश्रा को पद्मविभूषण पुरस्कार दिया गया.

बिहार से ताल्लुक रखने वाले जॉर्ज फर्नांडिस और वशिष्ठ नारायण सिंह को मरणोपरांत पद्मविभूषण पुरस्कार दिए जाने पर सीएम नीतीश कुमार ने खुशी की है. मुख्यमंत्री ने इसके अलावा प्रदेश के संजय कुमार गुहा, विमल कुमार जैन, डॉ. शांति राय, शांति जैन, श्याम सुंदर शर्मा और रामजी सिंह को पद्मश्री मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी.

बिहार में वाम दलों ने CAA को तुरंत वापस लेने की मांग की

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एमएल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को तुरंत वापस लेने की मांग की और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का अपडेट करने की योजना को रद्द करने को कहा. भट्टाचार्य ने पटना में वामपंथी नेताओं के साथ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो की सदस्य सुभाषिनी अली भी शामिल थीं. विरोध प्रदर्शनकारियों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीएए के मुद्दे पर अपना रुख साफ करने को कहा.

भट्टाचार्य ने संवाददाताओं से कहा, “हम अभूतपूर्व संकट से गुजर रहे हैं. हमारे संविधान की आत्मा पर हमला हो रहा है. सीएए के द्वारा नागरिकता को परोक्ष रूप से धर्म से जोड़ा जा रहा है.” उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा था कि सीएए से प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या सिर्फ 33,000 है.

भट्टाचार्य के मुताबिक इतने लोगों को पहले से मौजूद नागरिकता कानून के तहत नागरिकता दी जा सकती थी. उन्होंने कहा कि भारत ने पहले भी शरणार्थियों को नागरिकता दी है और सरकार माने या न माने लेकिन आरएसएस लोगों को विश्वास दिलाने में लगा है कि सीएए से हिन्दुओं को कोई खतरा नहीं है. भट्टाचार्य ने कहा, “हिन्दुओं को जानना चाहिए कि असम में जिनकी नागरिकता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया वे बहुसंख्यक समुदाय के थे.” उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अब नीतीश कुमार को सीएए पर अपना रुख साफ करना चाहिए.

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Published: 27 Jan 2020,06:03 AM IST

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