आज से गंगा यात्रा शुरू, योगी संग शामिल होंगे उत्तराखंड के CM, 8 केंद्रीय मंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार 27 से 31 जनवरी तक पांच दिवसीय गंगा यात्रा निकाल रही है. गंगा यात्रा में केंद्र सरकार के आठ मंत्रियों के साथ ही जिलों के प्रभारी मंत्री शामिल होंगे. सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान बिजनौर में होंगे. वहीं बलिया में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ़ महेंद्र सिंह और केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय मौजूद रहेंगे.
गंगा यात्रा दो मार्गो से निकाली जाएगी. पहला मार्ग बिजनौर से कानपुर, और दूसरा बलिया से कानपुर होगा. इसी क्रम में बिजनौर से कानपुर तक जाने वाली गंगा यात्रा के पहले दिन 27 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान मौजूद रहेंगे. 28 जनवरी को उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और केंद्रीय मंत्री संजीव बलिया मौजूद रहेंगे. वहीं 29 जनवरी को कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, बृजेश पाठक और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल मौजूद रहेंगे. 30 जनवरी को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो मौजूद रहेंगे.
इसी कड़ी में बलिया से कानपुर तक जाने वाली गंगा यात्रा के पहले दिन 27 जनवरी को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह और केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय मौजूद रहेंगे. 28 जनवरी को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत रहेंगे.
29 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर मौजूद रहेंगे. 30 जनवरी को उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मौजूद रहेंगी.
गंगा यात्रा का समापन 31 जनवरी को कानपुर में होगा. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही पांच दिन चलने वाली गंगा यात्रा में सभी 27 जिलों के प्रभारी मंत्री भी शामिल होंगे.
लखनऊ के घंटा घर पर तिरंगे के रंग में रंगे CAA विरोधी महिलाएं और बच्चे
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के घंटा घर पर महिलाएं राष्ट्रीय ध्वज के रंगों के कपड़े पहनकर आईं थीं तो बच्चे अपने गोल-मटोल गालों पर तिरंगा की छाप लगाकर आए थे. हुसैनाबाद घंटा घर का प्रदर्शन स्थल रविवार को भगवा, सफेद और हरे रंग में बदल गया था. यहां सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. प्रदर्शन स्थल पर भगवा, सफेद और हरे रंग के गुब्बारे भी लगाए गए थे.
प्रदर्शनकारियों ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं से खास तौर से प्रदर्शन में शामिल नहीं होने का आग्रह किया. ऐसा करने से इसे राजनीतिक रंग दिया जाता और आंदोलन का उद्देश्य खत्म हो जाता.
इस मौके पर महिलाओं और बच्चों ने राष्ट्रगान व दूसरे देशभक्ति गीत गाए. इसमें कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया. एक प्रदर्शनकारी सोनी ने कहा, "हम हर भारतीय की तरह गणतंत्र दिवस मना रहे हैं. हम अपने देश से प्रेम करते हैं, लेकिन कुछ राजनेताओं ने हमें राष्ट्र विरोधी के रूप में बताने का ठान लिया है. हम उनके प्रयासों को नाकाम करेंगे." बता दें कि घंटा घर पर 17 जनवरी से प्रदर्शन चल रहा है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गोरखपुर में फहराया तिरंगा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने रविवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर गोरखपुर के बिलन्दपुर खत्ता स्थित नगर निगम मैदान में तिरंगा फहराया. इस दौरान उन्होंने राष्ट्र गान के बाद भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि की. संघ प्रमुख मोहन भागवत गोरखपुर में 23 जनवरी से हैं. वह यहां पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय प्रचारकों के साथ बैठक कर पूरे साल भर के कार्यक्रम का खाका तैयार कर रहे हैं. पिछले दो दिनों की बैठक में पहले दिन सह सरसंघचालक दत्तात्रेय होशबोले ने कुटुम्ब प्रबोधन और सामाजिक समरसता पर वक्तव्य दिया था. दूसरे दिन सरसंघचालक मोहन भागवत ने स्वंयसेवकों और प्रचारकों का मार्गदर्शन किया था. तीसरे दिन इनके झंडारोहण का कार्यक्रम था.
इस दौरान उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय द्वारा आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में आये छात्र छात्राओं और स्वयंसेवकों को संबोधित किया.
बता दें कि सरसंघचालक विचार परिवार के सदस्यों और शहर के कुछ गणमान्य नागरिकों से मुलाकात भी करेंगे. आरएसएस पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की पांच दिवसीय बैठक के लिए संघ प्रमुख 23 जनवरी से गोरखपुर में प्रवास कर रहे हैं.
‘आजादी’ के नारे लगाता रहूंगा: UP कांग्रेस अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कार्रवाई करने की चुनौती देते हुए राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने रविवार को कहा कि वह “आजादी” के नारे लगाते रहेंगे.उन्होंने आदित्यनाथ की सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को दी गई चेतावनी का हवाला दिया कि "आजादी" के नारे को देशद्रोह माना जाएगा. लल्लू ने मथुरा में मीडिया से कहा, "मैं भूख और भ्रष्टाचार से आजादी का नारा बुलंद करूंगा. अगर मुख्यमंत्री चाहें तो मेरे खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर सकते हैं."
लल्लू ने कहा कि राज्य सरकार उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन वह किसानों और महिलाओं के सामने आने वाली समस्याओं से आजादी के लिए प्रयास जारी रखेंगे. लल्लू ने संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) को भी असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि यह संविधान के आर्टिकल 14, 16 और 21 के खिलाफ है.
UP पुलिस अब नहीं चलाएगी ब्रिटिशकालीन .303 रायफल
भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर रविवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने लगभग 75 साल तक सेवा के बाद ब्रिटिशकालीन .303 रायफलों को विदाई दे दी. इस रायफल को सेवा से हटाने से एक युग का अंत हो गया है. अक्सर पुलिसकर्मियों के पास रहने वाली .303 रायफल मैग्जीन के साथ बोल्ट एक्शन रिपीटेटिव रायफल थी जो ब्रिटिश शासन में सुरक्षाकर्मियों को मुख्य हथियार के तौर पर दी जाती थी. यह एक बार में एक ही फायर कर सकती थी, जिसके बाद अगले शॉट के लिए बोल्ट को खींचकर बैरल को दोबारा लोड करना पड़ता था.
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बृजलाल ने कहा, ".303 रायफल उत्तर प्रदेश की वर्कहॉर्स थी, जिसने 1945 में यूपी पुलिस में शामिल किए जाने के बाद से हमेशा उम्मीद के मुताबिक नतीजे दिए. प्रदर्शन के आधार पर अगर बंदूकों को इनाम देने की बात आए तो .303 या बोल्ट एक्शन रायफलें वह इनाम जरूर पाएं."
उन्होंने कहा कि वे जब सेवा में थे तो उन्होंने कई अभियानों की अगुआई की थी और खूंखार डकैतों और गैंगस्टरों को मार गिराया था. उन्होंने याद करते हुए कहा, “इस हथियार की सफलता का मुख्य कारण यूपी के कठोर क्षेत्रों में सक्रिय रहने और कीचड़ में भी अच्छा काम करना है.”
ऐसे ही एक मौके को याद करते हुए उन्होंने कहा, "मैं पीलीभीत में (1986-88) में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के तौर पर तैनात था. हमें पता चला कि हरजिंदर सिंह जिंदा गिरोह के कुछ आतंकवादियों ने बैंक डकैती की अपनी योजना खारिज कर दी जब उन्हें पता चला कि हमारे कांस्टेबलों के पास .303 रायफलें हैं."
एक कांसटेबल राम कुमार उपाध्याय ने कहा कि लगातार 20 फायर करने के बाद भी यह हथियार मलाई की तरह चिकना रहता है, जिसकी कमी शायद आधुनिक हथियारों में अक्सर खलती है.
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