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भोजपुर जिले में जहरीली शराब पीने से 21 लोगों के मौत के मामले में आरा की एक अदालत ने मंगलवार को 15 आरोपियों को दोषी पाया है. इन सभी दोषियों को 26 जुलाई को सजा सुनाई जाएगी. आरा सिविल कोर्ट के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर सी़ द्विवेदी ने इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद मंगलवार को सभी अरोपियों को दोषी पाया है. इनमें 14 आरोपियों को गैर इरादतन हत्या और एक अन्य को उत्पाद अधिनियम का दोषी माना गया है.
अब इस मामले में गुरुवार को सजा के बिंदु पर फैसला सुनाया जाएगा. बता दें कि भोजपुर जिले के नवादा थाना क्षेत्र के अनाइठ गांव में सात दिसंबर 2012 को जहरीली शराब पीने से एक-एक कर 21 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में पांच महिलाएं भी शामिल थीं. इस मामलें में 4 फरवरी, 2013 को 15 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल किया.
(इनपुटः IANS)
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस का मामला राज्यसभा और लोकसभा में उठा और विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस पर सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी इस मुद्दे को अत्यंत गंभीर बताते हुए सरकार से इस ओर ध्यान देने को कहा.
कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि यह एक गंभीर घटना है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच अदालत की निगरानी में सीबीआई से करायी जानी चाहिए और बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.
सांसद पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मुजफ्फरपुर बालिका गृह की लड़कियों के साथ हुए यौन इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है.
(इनपुटः IANS)
लखीसराय के बड़हिया बाजार में एक दुकान में पूजा के बाद प्रसाद खानेवाले 100 से ज्यादा लोग कई बीमारियों के शिकार हो गये. इनमें महिला, पुरुष और बच्चे शामिल हैं.
मंगलवार को पीड़ितों के इलाज में रेफरल अस्पताल की तरफ से लापरवाही बरतने को लेकर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. साथ ही रेफरल अस्पताल में ताला लगाने का प्रयास किया. सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार ने बताया कि विषाक्त प्रसाद का असर 12 घंटे में असर होता है. उन्होंने बताया की सभी पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है.
जिला प्रशासन ने मामले को देखते हुए दवा और स्लाइन सेट के साथ मेडिकल टीम बड़हिया भेजी है. कुछ मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया है और बाकियों का ट्रीटमेंट किया जा रहा है.
(इनपुटः हिन्दुस्तान)
आयकर विभाग के 'ऑपरेशन क्लीन मनी' के निशाने पर बिहार और झारखंड के 20,882 लोग हैं. इस अभियान के तहत 9 नवंबर, 2016 से 31 दिसंबर, 2016 तक बैंकों में जमा की गयी राशियों की जांच की गयी है. इसके तहत बड़े डिपॉजिट का इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन हुआ है. इसके बाद 19,403 लोगों को नोटिस जारी हुआ है.
इसके अलावा करीब 76 केस को फिर से खोला गया है. आयकर मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 'ऑपरेशन क्लीन मनी' अभियान के तहत 10 लाख रुपये तक के मामले 18876 सामने आये हैं. इसमें से 17435 को आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है. इस तरह के 32 अन्य पुराने केस खोले गये हैं. इसी तरह, नोटबंदी के बाद एक करोड़ से अधिक का लेनदेन करनेवाले 2006 मामले सामने आये हैं. इसमें 1968 लोगों को नोटिस भेजा गया है. 44 पुराने मामले खोले गये हैं.
कृषि आय गलत तरीके से दिखाने के मामले में 1428 लोगों को चिह्नित किया गया है. इसमें से 1290 को नोटिस जारी किया जा चुका है. इस तरह के पुराने 129 केस को फिर से खोला गया है. इसी तरह आयकर चोरी के सैकड़ों अन्य श्रेणी के भी मामले सामने आये हैं.
(इनपुटः प्रभात खबर)
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