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राज्य के किसानों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने फसलों के खराबे के मुआवजे में 25 प्रतिशत वृद्धि का ऐलान किया है. मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा और पटियाला के गांवों का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर फसल का नुकसान 75 प्रतिशत से अधिक होता है, तो राज्य सरकार किसानों को 15,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देगी.
भगवंत मान ने कहा कि मजदूरों को 10 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा, जिससे उनको कोई वित्तीय मुश्किल पेश न आए. उन्होंने कहा कि पूरे मकान के नुकसान के मुआवजे के तौर पर 95,100 रुपये दिए जाएंगे, जबकि घरों के मामूली नुकसान के लिए 5200 रुपये दिए जाएंगे.
प्राकृतिक आपदा से किसानों को बचाने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार फसल बीमा योजना लाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ऐलानी गई फसल बीमा योजना केवल कागजों तक ही सीमित रह गई थी, लेकिन राज्य सरकार की योजना से किसानों को असली राहत मिलेगी. उन्होंने अफसोस प्रकट किया कि आज-कल 20 मिनट की ओलावृष्टि किसानों के चेहरों पर मुसीबत ला देती है, लेकिन यह योजना किसानों के के हितों की रक्षा करेगी. भगवंत मान ने किसानों को आश्वासन दिया कि पंजाब सरकार इस मुश्किल घड़ी में किसानों के साथ है और उनके कल्याण के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी.
खराब मौसम के कारण किसानों के हुए नुकसान का मुआवजा देने का प्रण लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों और खेत मजदूरों के कल्याण के लिए हमेशा वचनबद्ध है और रहेगी. उन्होंने कहा कि आम आदमी सरकार हमेशा ही किसानों और उनके हकों की हिमायती रही है और सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए कई योग्य कदम उठाए हैं. भगवंत मान ने कहा कि वो उन बहुसंख्यक किसानों की पीड़ा और दर्द को अच्छी तरह से समझते हैं, जिनको मौसम में अचानक आई तबदीली के कारण भारी नुकसान बर्दाश्त करना पड़ा है.
मुख्यमंत्री ने अफसोस जाहिर किया कि ऐसे मामलों में जहां किसान कटाई नहीं कर सकेंगे या उनकी फसलों का उत्पादन घट गया है, उनका लगभग पूरा सीजन बर्बाद हो गया और उनकी रोजी-रोटी को भारी नुकसान पहुंच सकता है. भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने पहले ही वित्त कमिश्नर (राजस्व) को हिदायत की है कि वह संबंधित डिप्टी कमिश्नरों को बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत विशेष गिरदावरी करने के लिए विस्तृत हिदायतें जारी करें, जिससे फसलों, बागों और घरों को हुए नुकसान का पहल के आधार पर पता लगाया जा सके.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पहली अप्रैल से किसानों को कपास की फसल के लिए नहरी पानी उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य की कपास पट्टी में नहरी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जाएगी, जिससे कपास के कृषि को बड़े स्तर पर लाभ मिल सके. भगवंत मान ने कहा कि बिजाई के सीजन के दौरान कपास किसानों को पानी मुहैया करवाना समय की जरूरत है.
कृषि को लाभप्रद पेशा बनाने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में कई फैसले ले रही है. उन्होंने कहा कि किसानों को गेहूं/धान के चक्र से बाहर निकालने और राज्य के भूजल को बचाने के लिए वैकल्पिक फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की पेशकश की जा रही है. भगवंत मान ने कहा कि कृषि सहायक पेशों को प्रोत्साहित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जिससे किसानों की आमदन में वृद्धि हो सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा राज्य सरकार किसान भाईचारे के कल्याण के लिए विभिन्न प्रयास कर रही है, क्योंकि हमें भली-भांति पता है कि खेती अब लाभप्रद पेशा नहीं रही. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जब भी किसानों को कोई मुश्किल या मुसीबत का सामना करना पड़ा, तो सरकार ने उनके बचाव के लिए आगे आने के लिए बहुत समय नहीं लगाया, जोकि सरकार द्वारा पहले दिन से ही किए जा रहे महत्वपूर्ण फैसलों से स्पष्ट होता है. भगवंत मान ने कहा कि देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने वाले अन्नदाता के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है.
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