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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. सूबे में मरीजों की संख्या बढ़कर 1873 हो गई है. रविवार को 80 नए मरीज मिले. प्रदेश में कोरोना से मौतों की संख्या 30 हो गई है, जबकि 327 लोग स्वास्थ्य हो चुके हैं.
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के आगरा में अब तक 372, लखनऊ में 194, गाजियाबाद में 58, नोएडा में 117, लखीमपुर खीरी में 4, कानपुर में 170, पीलीभीत में 2, मुरादाबाद में 101, वाराणसी में 37, शामली में 27, जौनपुर में 5, बागपत में 15, मेरठ में 89, बरेली में 6, बुलंदशहर में 38, बस्ती में 23, हापुड़ में 25, गाजीपुर में 6, आजमगढ़ में 8, फिरोजाबाद में 83, हरदोई में 2, प्रतापगढ़ में 6, सहारनपुर में 181, शाहजहांपुर में 1, बांदा में 3, महाराजगंज में 6, हाथरस में 4, मिर्जापुर में 3 और रायबरेली में 43 लोग संक्रमित हुए हैं.
इसी तरह औरैया में 10, बाराबंकी में 1, कौशांबी में 2, बिजनौर में 29, सीतापुर में 20, प्रयागराज में 4, मथुरा में 10, बदायूं में 14, रामपुर में 20, मुजफ्फरनगर में 18, अमरोहा में 25, भदोही में 1, इटावा में 3, कासगंज में 2, संभल में 13, उन्नाव में 1, कन्नौज में 7, संत कबीर नगर में 21, मैनपुरी में 5, गोंडा में 1, मऊ में 1, एटा में 3, सुल्तानपुर में 3, अलीगढ़ में 13, श्रावस्ती में 5, बहराइच में 9, बलरामपुर में 1, अयोध्या में 1 और जलौन में भी 1 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हुए हैं.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि बीजेपी सरकार द्वारा अपने राजस्व की कमी का बहाना बनाकर प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों के भत्ते पर रोक लगाना तुगलकी फरमान है. लल्लू ने रविवार को जारी अपने बयान में कहा कि बीजेपी सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के भत्ते पर 1 साल तक रोक लगाई है जो कि इस सरकार का तुगलकी फरमान है, सरकार के इस अव्याहारिक फैसले से राज्य के करीब 16 लाख कर्मचारी और 11.5 लाख पेंशन-धारक प्रभावित होंगे.
उन्होंने कहा कि महामारी के समय प्रदेश के डॉक्टर, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी, शिक्षक सहित सभी कर्मचारियों पर काम का दोगुना बोझ है, ऐसे समय में उनका डीए और डीआर को सस्पेंड करना उन्हें हतोत्साहित करना है.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकारें निजी कंपनियों और उद्योगों के मालिकों से अपील करती हैं कि अपने कर्मचारियों का वेतन न काटें, और समय से पहले वेतन दें, वही दूसरी तरफ सरकार द्वारा खुद के कर्मचारियों का हक मारना दुर्भाग्यपूर्ण होगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब कोरोना प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि इसके अच्छे नतीजे मिले हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोर टीम (टीम-11) के साथ रविवार को अपने सरकारी आवास पर समीक्षा में यह निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कोविड अस्पतालों में अनिवार्य रूप से सिर्फ कोविड संक्रमण का ही इलाज हो, अब अन्य चिकित्सा गतिविधियां इन अस्पतालों में न की जाएं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मौजूद कोरोना से संबंधित और अन्य बायोमेडिकल वेस्ट का सुरक्षित डिस्पोजल सुनिश्चित किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिन औद्योगिक इकाइयों को चलाने की अनुमति दी गई है, वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए, यह भी देखा जाए कि इन इकाइयों में कोरोना की रोकथाम के संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों को अनुपालन जरूर हो.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आगरा में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर सही प्रबंध नहीं हुआ तो हालात बेकाबू हो जाएंगे. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि योगी सरकार को चाहिए कि मेयर की बातों को सकारात्मक भाव से ले और आगरा की जनता को महामारी से बचाने का महत्वपूर्ण प्रयास करे.
प्रियंका ने रविवार को आगरा के मेयर (महापौर) नवीन जैन के लिखे पत्र को ट्विटर पर अपलोड कर कहा, "आगरा शहर में हालात खराब हैं और रोज नए मरीज निकल रहे हैं. आगरा के मेयर का कहना है कि अगर सही प्रबंध नहीं हुआ तो मामला हाथ से निकल जाएगा. कल भी मैंने यही मुद्दा उठाया था. पारदर्शिता बहुत जरूरी है. टेस्टिंग पर ध्यान देना जरूरी है. कोरोना को रोकना है, तो फोकस सही जानकारी और सही उपचार पर होना चाहिए."
उन्होंने आगे लिखा, "सरकार द्वारा आगरा मेयर की बातों को सकारात्मक भाव से लेना और तुरंत पूरी तरह से आगरा की जनता को महामारी से बचाने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है."
बताया जा रहा है कि आगरा के महापौर नवीन जैन ने 21 अप्रैल को राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि अगर तुरंत समुचित उपाय नहीं किए गए तो आगरा भारत का वुहान बन सकता है.
(इनपुट्स: IANS)
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